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Rahul Gandhi जिस बंगले में लौट रहे उसमें क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं, कैसे मिलता है सरकारी आवास?

Rahul Gandhi Bungalow: ‘मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है। मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं। महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा दोगुनी ताकत से उठाता रहूंगा…।’ ये किसी फिल्म के डायलॉग नहीं बल्कि राहुल गांधी के शब्द हैं, वो जब अपने 12 तुगलक लेन सरकारी बंगले से निकल रहे थे तब उन्होंने ये […]

Rahul Gandhi Bungalow
Rahul Gandhi Bungalow: 'मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है। मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं। महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा दोगुनी ताकत से उठाता रहूंगा...।' ये किसी फिल्म के डायलॉग नहीं बल्कि राहुल गांधी के शब्द हैं, वो जब अपने 12 तुगलक लेन सरकारी बंगले से निकल रहे थे तब उन्होंने ये बातें कही थीं। शायद राहुल को उस वक्त यह नहीं पता रहा होगा जिस बंगले से वे बेघर हो रहे हैं, वह वापस मिलेगा। अब उन्हें 12 तुगलक लेन रोड का सरकारी बंगला फिर मिल गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी वापस हो गई है। साथ ही वह सभी सुविधाएं भी वापस मिल गई हैं, जिसके वो हकदार हैं। 136 दिनों के बाद उनकी सदस्यता लोकसभा सचिवालय ने बहाल कर दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं सांसदों को सरकारी आवास किस तरह मिलता है? उसमें क्या-क्या सुविधाएं होती हैं? कितना किराया मिलता है? यह सबकुछ जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए... यह भी पढ़ें: स्मृति ईरानी बोलीं- राहुल गांधी लोकसभा में फ्लाइंग किस देकर गए; 6 महिला सांसदों ने स्पीकर से की शिकायत लोकसभा पूल में कितने हैं घर? लोकसभा पूल में 517 घर हैं। इनमें टाइप 8 बंगले से लेकर छोटे फ्लैट और हॉस्टल भी शामिल हैं। इनमें 159 बंगले, 37 ट्विन फ्लैट, 193 सिंगल फ्लैट, 96 बहुमंजिला इमारत में फ्लैट और 32 यूनिट के घर मौजूद हैं।

किस तरह मिलता है सरकारी बंगला?

सांसदों के आवास आवंटन की जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्रालय के अधीन काम करने वाले डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स नाम का विभाग करता है। बंगला आवंटित करने का काम यह विभाग जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट (GPRA) के तहत करता है। सांसदों को आवास देने की प्रक्रिया में लोकसभा और राज्यसभा की हाउसिंग कमेटी अहम रोल निभाती है।

टाइप-8 बंगले में राहुल गांधी

सबसे शानदार बंगला टाइप 8 को माना जाता है। यह बंगला तीन एकड़ में फैला होता है। इसमें 5 बेडरूम, एक हॉल, एक बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम होता है। इसके अलावा कैंपस में एक मीटिंग रूम और एक सर्वेंट हाउस भी होता है। इस तरह के बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णामेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरगंज रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर स्थित है। इस बंगले को कैबिनेट मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज, पूर्व पीएम, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और वरिष्ठ सांसदों को मिलता है। इसी टाइप के बंगले में राहुल गांधी को बंगला मिला है।

टाइप-7 और 5 कैसा होता है बंगला

टाइप-7 बंगला का फैलाव एक से डेढ़ एकड़ होता है। इसमें चार बेडरूम, एक हॉल, एक डायनिंग रूम, एक स्टडी रूम होता है। इस तरह के बंगले अशोका रोड, लोधी रोड, कैनिंग रोड और तुगलक लेन में हैं। वहीं, टाइप 5 बंगला पहली बार सांसद चुने गए लोगों को आवंटित किया जाता है। इसमें टाइप-5 ए, बी, सी और डी तरह के आवास हैं।

राहुल गांधी को कब से मिलेगा वेतन?

राहुल गांधी की बतौर सांसद सारी सुविधाएं सात अगस्त से बहाल हुई हैं। उन्हें 50 हजार प्रति माह वेतन मिलेगा। इसके अलावा राजनयिक पासपोर्ट, टेलीफोन-मोबाइल की सुविधा, रेल, विमान और निजी कार की यात्रा का भत्ता, एडवांस लेने की सुविधा, पेंशन, इलाज और आवास मिलने पर फर्नीचर की सुविधा मिलेगी।

क्यों छिनी थी सांसदी?

23 मार्च 2023 को गुजरात की कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में दो साल की सजा सुनाई थी। 24 मार्च को उन्हें संसद से अयोग्य कर दिया गया था। राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से 4 अगस्त को राहत मिलने के बाद उनकी सांसदी सात अगस्त को वापस हो गई।

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