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वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास, जानें पक्ष-विपक्ष में पड़े कितने वोट, किसने क्या कहा?

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा सदन के बाद राज्यसभा सदन में भी बहुमत से पास हो गया है। दोनों सदनों में बिल के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े। आइए जानते हैं कि अब इस बिल को लेकर आगे क्या होगा और बिल के पक्ष-विपक्ष में किसने क्या कहा?

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है। बीती रात करीब 12 घंटे चली चर्चा के बाद बिल पर वोटिंग कराई गई और इसके पक्ष में 128 वोट पड़े। वहीं बिल के विरोध में 95 वोट पड़े। मतदान के बाद बिल को बहुमत से पास कर दिया गया। इससे बुधवार को बिल को लोकसभा में पास किया गया था। लोकसभा में भी बिल पर करीब 12 घंटे चर्चा हुई थी। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने और विरोध में 232 सांसदों ने वोट डाले थे। अब बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा, जिनसे बिल को मंजूरी मिल गई तो यह कानून बन जाएगा और फिर गजट नोटिफिकशन जारी करके इसे लागू किया जाएगा। दोनों सदनों में बिल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है। विधेयक पर NDA और इंडिया अलायंस के नेताओं के बीच तीखी बहस हुई थी, लेकिन बहसबाजी और आक्रामकता के बावजूद बिल दोनों सदनों में बहुमत से पास हो गया।  

किरेन रिजिजू ने बिल के पक्ष में यह कहा

राज्यसभा में वक्फ बिल पर अपनी बात रखते हुए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है तो इस वैधानिक निकाय में केवल मुसलमानों को ही क्यों शामिल किया जाए? अगर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई विवाद है तो उसे कैसे सुलझाया जाएगा? इसलिए वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल नहीं किया जाएगा, ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है। गैर-मुस्लिमों के साथ भी विवाद हो सकते हैं। इसलिए कोई भी वैधानिक निकाय धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। उसमें सभी धर्मों के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। बिल में भाजपा की मोदी सरकार ने ट्रांसपैरेंसी, अकाउंटेबिलिटी, एक्यूरेसी का पूरा ध्यान रखा है। गहन विचार विमर्श के बाद ही बिल को तैयार किया गया और इसे JPC के पास भेज दिया गया था।                      


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