वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पास हो गया है। अब बिल को राज्यसभा में पेश करके पास कराया जाएगा। वहीं लोकसभा में इस बिल को पास कराने से पहले करीब 12 घंटे लंबी चर्चा हुई। AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी तक सदन में फाड़ दी। फिर स्पीकर से वोटिंग कराई तो 288 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 232 सांसदों ने बिल के विरोध में वोट डाला।
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को लोकसभा में पेश किया था। उन्होंने ही बिल पर चर्चा का जवाब दिया। बिल को उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया गया है। बिल को TDP, JDU और LJP ने समर्थन दिया है। आइए जानते हैं कि बिल के समर्थन में और बिल के विरोध में किसने क्या कहा?
वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि हमने बिल का विरोध किया है। जनता इस इतिहास और बिल को पारित करने के तरीके को माफ नहीं करेगी। अगर आप किसी खास समुदाय को निशाना बनाएंगे तो देश का विकास नहीं होगा। जनता NDA के सहयोगियों को माफ नहीं करेगी, चाहे वे बिहार से हों या आंध्र प्रदेश से या कहीं और से...हम राज्यसभा में भी बिल का विरोध करेंगे और बिल के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम सड़कों पर भी उतरेंगे और अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे।
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी को लोकसभा सदन में फाड़ दिया और कार्यवाही बीच में छोड़कर वॉकआउट कर गए। जाने से पहले उन्होंने कहा कि वक्फ बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। मैं गांधीजी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं। वहीं देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड में कोई गैर-इस्लामिक सदस्य नहीं होगा। ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। किसी ने कह दिया कि यह बिल अल्पसंख्यक स्वीकार नहीं करेंगे तो क्या धमकी दे रहे हैं। संसद का कानून है, संविधान के तहत बनाया गया कानून है, स्वीकार करना ही पड़ेगा।