हरियाणा के गुरुग्राम जिले स्थित मानेसर में इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइनर और निर्माता कंपनी वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज ने अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी शुक्रवार को शुरू की है। स्थानीय स्तर पर लैपटॉप बनाने के लिए नई असेंबली लाइन को तैयार करना, नेटवर्किंग और दूरसंचार उपकरणों के लिए घटकों का उत्पादन करने के लिए फैसिलिटी को शुरू किया गया है। नई सुविधाओं के अलावा वीवीडीएन ने अपनी इन हाउस डिजाइनिंग क्षमता को भी डेवलप करने का फैसला लिया है। इसके कारण पहली बार लैपटॉप बनाने की लागत का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा भारत से उत्पन्न राजस्व में योगदान देगा।
Mint के साथ एक इंटरव्यू में वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यकारी पुनीत अग्रवाल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा अपने नए स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग प्रयासों के साथ कंपनी पहले से ही मानकर चल रही है कि लैपटॉप बनाने की लागत से 40 फीसदी घरेलू राजस्व में योगदान रहेगा। ये सभी प्रयास घरेलू Value Addition में 10 से 40 फीसदी तक राजस्व जोड़ने में योगदान देते हैं। उनकी कंपनी पहले ही असेंबली लाइन से लैपटॉप का निर्माण करवा रही है।
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पुनीत के अनुसार उनके सभी उत्पाद डिजाइन इन हाउस हैं, वे डिजाइन आधारित निर्माता हैं। दूरसंचार उपकरणों और लैपटॉप्स में जो घरेलू मूल्य जोड़ा गया है, वह 50 फीसदी से भी ज्यादा है। वीवीडीएन के पास मानेसर प्लांट से प्रति माह 20000 लैपटॉप बनाने की असेंबली लाइन क्षमता है। मांग के आधार पर इसे 100000 यूनिट प्रति माह तक बढ़ाया जा सकता है।
क्या है घरेलू मूल्य संवर्धन?
आयात पर किसी भी प्रकार की निर्भरता न रखते हुए देश के भीतर जो शुद्ध राजस्व जुटाया जाता है। उसे घरेलू मूल्य संवर्धन कहा जाता है। इसमें कच्चे निर्माण का सोर्स, घटकों का निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग के लिए उपकरण बनाना, उपकरण को डिजाइन करना आदि शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने लागू की है योजना
28 मार्च को केंद्र सरकार ने 2.7 अरब डॉलर की घटक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद VVDN की यह पहली घोषणा है। प्रोत्साहन योजना के तहत केंद्र सरकार स्वदेशी उपकरण, घटक और विशेष विनिर्माण उपकरण बनाने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स फर्मों को 10 फीसदी तक टर्नओवर लिंक्ड मदद देगी। इसके अलावा 25 फीसदी तक पूंजीगत व्यय आधारित प्रोत्साहन दिया जाएगा।
130 अरब डॉलर का टर्नओवर
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को VVDN की असेंबली लाइन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कदम हमारे लिए लाभकारी साबित होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में आज 2.5 मिलियन (25 लाख) लोगों को रोजगार मिल रहा है। इस कदम से डिजाइन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। पिछले 10 सालों में इस क्षेत्र में 5 गुना रोजगार बढ़ा है। आज इसका टर्नओवर 130 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में पिछले 10 साल में 6 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, जो 40 अरब डॉलर के करीब है।
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