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‘मैं आज भी उसी पल में…’, एअर इंडिया विमान हादसे में जिंदा बचे रमेश को है कौन सी बीमारी? जानें इसके लक्षण

12 जून को एअर इंडिया के विमान हादसे में एकलौते जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश खुद को सबसे भाग्यशाली इंसान बताते हैं. लेकिन ये बात कहते हुए उनकी आंखों में आंसू हैं और दिल में दर्द भी. इस विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हुई थी और सिर्फ रमेश ही अकेले बचे थे. उसी फ्लाइट में उनसे कुछ दूर बैठे उनके भाई की भी मौत हो गई थी. जिसने उन्हें और ज्यादा तोड़ दिया है.

12 जून को एअर इंडिया के विमान हादसे में एकलौते जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश खुद को सबसे भाग्यशाली इंसान बताते हैं. लेकिन ये बात कहते हुए उनकी आंखों में आंसू हैं और दिल में दर्द भी. इस विमान हादसे में 241 लोगों की मौत हुई थी और सिर्फ रमेश ही अकेले बचे थे. उसी फ्लाइट में उनसे कुछ दूर बैठे उनके भाई की भी मौत हो गई थी. जिसने उन्हें और ज्यादा तोड़ दिया है.

रमेश कहते हैं कि वो प्लेन के जलते हुए मलबे से किसी तरह बचकर बाहर तो निकल गए लेकिन आज भी उस विमान हादसे की यादें उनका पीछा नहीं छोड़ती हैं. वे कहते हैं कि मुझे आज भी लगता है कि मैं उसी पल में फंसा हुआ हूं. रातों को नींद नहीं आती है किसी से बात करने का भी मन नहीं करता है…. उन्हें सबसे ज्यादा दुख उनके भाई के खोने का है. हमेश यही सवाल खुद से करते हैं कि जब उनका भाई नहीं जिंदा बचा तो वो क्यों बच गए. इस हादसे ने उन्हें बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है.

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रमेश ने बताया कि इस विमान हादसे के बाद वो पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post traumatic stress disorder, PTSD) से जूझ रहे हैं और भारत से लौटने के बाद अभी तक उनका इलाज नहीं शुरू हो पाया है. मेरी मानसिक हालत के साथ-साथ आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है. क्योंकि मेरा पूरा बिजनेस भी ठप हो गया है, जिसे मैं और मेरा भाई देखते थे.

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चलिए जानते हैं कि आखिर ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post traumatic stress disorder, PTSD) क्या होता है? और इसके लक्षण क्या होते हैं.

क्या होता है PTSD?

PTSD का अर्थ होता है पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर यानी कि 'आघात के बाद का मानसिक तनाव', मतलब जब कोई इंसान किसी तरह के बेहद डरावने और दर्दनाक हादसे से गुजरता है तो उस घटना का असर उसके मन और उसकी सोच पर भी लगातार हावी रहता है. ऐसे में दिमाग बार-बार उसी घटना को याद करता है. दिमाग को ये लगने लगता है कि ये घटना आज भी हो रही है. विश्वास कुमार रमेश को भी 12 जून को हुआ विमान हादसा हर वक्त इसी तरह से सता रहा है.

क्या होते हैं PTSD के लक्षण?

  • जब कभी किसी व्यक्ति के साथ कोई हादसा हुआ हो और बार बार उसका दिमाग उसी हादसे को याद करता रहे. लंबे समय तक हादसे का असर उस व्यक्ति पर रह सकता है.
  • बाब-बार उस हादसे को याद करते रहना
  • हादसे में खुद के बच जाने पर गिल्ट महसूस होना.
  • लगातार उस हादसे को लेकर परेशान रहना और उन जगहों या चीजों से बचते रहना जो उस हादसे की लगातार याद दिलाएं.
  • किसी काम में ध्यान न लगना और न ही किसी व्यक्ति से बात करने का मन होना.

वहीं, एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसे लगभग 8 से 20% लोग जो कभी भी किसी तरह के बड़े हादसे से गुजरते हैं या फिर किसी हादसे में अपने किसी खास व्यक्ति को खो देते हैं तो ऐसे लोगों को PTSD हो सकता है.

रमेश जैसे कई लोग सर्वाइवर गिल्ट से भी जूझते हैं. ऐसे लोग अपने आप से हमेशा एक ही सवाल करते रहते हैं कि 'मैं इस हादसे में कैसे बच गया, जबकि बाकी कोई नहीं बचा'?. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ये एक तरह का गहरा शोक है. अगर ये भावना लंबे समय तक किसी व्यक्ति के मन में बनी रहे तो इसके कारण उनकी पूरी लाइफ भी प्रभावित होती है, तो ऐसे लक्षण PTSD के लक्षण हो सकते हैं.

एक स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि ऐसे लोग जिन्होंने कोई बड़ा हादसा झेला है तो वो लोग लंबे समय तक PTSD के लक्षणों से जूझते रहते हैं. इनमें वो लोग ज्यादा होते हैं जिन्होंने किसी हादसे में अपने किसी सगे संबंधी या फिर किसी रिश्तेदार को खोया हो.

सदमे से कैसे उबरे?

PTSD पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि PTSD से उबरने के में काफी ज्यादा समय की जरूरत होती है. जो हुआ उसके बारे में खुलकर अपने किसी करीबी से बात करना, अपने दोस्तों के साथ समय बिताना या किसी ग्रुप से जुड़ना बहुत मदद कर सकता है.

यह भी पढ़ें- ‘मैं जिंदा हूं लेकिन हर दिन मर रहा…’, एअर इंडिया क्रैश में जिंदा बचे विश्वास कुमार ने क्यों कही ये बात?


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