TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ ने 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में ली शपथ, PM मोदी रहे मौजूद

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनखड़ को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। धनखड़ के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, वेंकैया नायडू समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। बता दें कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप […]

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनखड़ को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। धनखड़ के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, वेंकैया नायडू समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। बता दें कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था। धनखड़ को 528 वोट जबकि अल्वा को केवल 182 वोट मिले थे। उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले जगदीप धनखड़ राजघाट पहुंचे थे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जगदीप धनखड़ ने कहा, "पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देते हुए राज घाट के शांत वातावरण में भारत की सेवा में हमेशा तत्पर रहने के लिए खुद को प्रेरित किया।"

राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले हैं जगदीप धनखड़

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के रहने वाले जगदीप धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की थी। फिजिक्स में ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली थी। 1988 तक जगदीप धनखड़ देश के मशहूर वकीलों में शामिल हो गए थे। 1990 में राजस्थान हाई कोर्ट में धनखड़ सीनियर वकील बने। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई राज्यों के हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

33 साल का है धनखड़ का राजनीतिक करियर

33 साल के राजनीतिक करियर में धनखड़ देश के उपराष्ट्रपति पद तक का सफर तय कर लिया है। साल 1989 में वे सक्रिय राजनीति में आए थे। 1989 में ही अपने गृह क्षेत्र झुझुनूं से जनता दल के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 1990 में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा धनखड़ ने राजस्थान की राजनीति में हाथ आजमाया है। वे 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ से विधायक भी रहे हैं। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने थे।

जानें उपराष्ट्रपति को कितना मिलता है वेतन

भारत के उपराष्ट्रपति का मासिक वेतन 4 लाख रुपये है। वेतन के अलावा उपराष्ट्रपति को विभिन्न प्रकार के दैनिक भत्ते मिलते हैं। अन्य भत्तों में मुफ्त चिकित्सा देखभाल, मुफ्त ट्रेन और हवाई यात्रा, एक लैंडलाइन कनेक्शन और मोबाइल फोन सेवा शामिल हैं। उपराष्ट्रपति के पास व्यक्तिगत सुरक्षा और कर्मचारी भी होते हैं। भारत के उपराष्ट्रपति को उनके वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। उन्हें पेंशन के अलावा विभिन्न लाभ भी मिलते रहते हैं। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

राजस्थान से उपराष्ट्रपति बनने वाले दूसरे नेता हैं धनखड़

भैरों सिंह शेखावत के बाद भारत के उपराष्ट्रपति चुने जाने वाले जगदीप धनखड़ राजस्थान के दूसरे नेता हैं। झुंझुनू जिले से ताल्लुक रखने वाले जाट नेता धनखड़ कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले भैरों सिंह शेखावत ने अगस्त 2002 से जुलाई तक 11वें उपाध्यक्ष के रूप में पद संभाला था।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.