VB-G RAM-G Bill 2025: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विकसित भारत, रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 (VB-G RAM-G) पास हो गया. देररात बिल को ध्वनि मत से पास किया गया. विपक्ष के वॉकआउट और आधी रात को धरना देने के बावजूद बिल पास किया गया और अब इसे राष्ट्रपति मुर्मू के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बिल कानून बन जाएगा और यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह ले लेगा. विपक्ष बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग का रहा था और बिल वापस लेने की चेतावनी दी थी, लेकिन बिल को पहले दिन में लोकसभा में पास किया गया, फिर देर रात राज्यसभा में भी पास किया गया.
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बिल के खिलाफ विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने बिल को पेश किया था. 18 दिसंबर को बिल पर लोकसभा में करीब 14 घंटे चर्चा हुई, वहीं राज्यसभा में करीब 10 घंटे चर्चा हुई. विपक्ष ने बिल के विरोध में मार्च निकाला और विरोध प्रदर्शन किया. बिल की कॉपी तक फाड़कर सदन में उड़ा दी. सदन में हंगामा और नारेबाजी भी की.
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देररात राज्यसभा से विपक्ष ने वॉकआउट किया और संसद परिसर में ही विपक्षी दल के सांसद धरने पर भी बैठ गए. केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने लोकसभा में विपक्षी दल के सवालों के जवाब भी दिए, बावजूद इसके विपक्ष बिल को JPC को भेजने की मांग पर अड़ा रहा, लेकिन सत्ता पक्ष ने ध्वनि मत से बिल को पहले लोकसभा में, फिर राज्यसभा में पास करा लिया.
शिवराज चौहान ने दिया सवालों का जवाब
बता दें कि विपक्ष ने सरकार पर मनरेगा अधिनियम को VB-G RAM-G से रिप्लेस करके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगाया, क्योंकि मनरेगा अधिनियम से बापू का नाम हट जाएगा. इसके जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि VB-G RAM-G बिल समाज के गरीब वर्ग के कल्याण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मंत्री शिवराज चौहान ने कांग्रेस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि बापू रामराज्य की स्थापना करना चाहते थे तो कांग्रेस को विकसित भारत जी राम जी नाम पर आपत्ति क्यों है? बापू के आदर्शों पर चलने की बात करते हैं और उनके सपने को साकार होते देखकर विरोध भी करते हैं, यह कैसी दोहरी विचारधारा है?
VB-G RAM-G बिल के खास प्रावधान
बता दें कि VB-G RAM-G बिल के कानून बनकर लागू होने के बाद देश के ग्रामीण परिवारों को सालाना 125 दिन की मजदूरी मिलेगी, जबकि पहले 100 दिन का रोजगार मिलता था. बिल की धारा 22 के तहत प्रावधान किया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच फंड शेयरिंग का पैटर्न 60:40 होगा.
उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर) और केंद्रशासित प्रदेशों में फंड शयरिंग पैटर्न 90:10 होगा. वहीं बिल की धारा 6 के तहत राज्य सरकारें वित्तीय वर्ष में 60 दिन की अवधि पहले से अधिसूचना जारी कर सकती हैं, जिसमें बुवाई-कटाई का पीक टाइम कवर होगा.