‘बेटे को बचा लो, 10 दिन से फंसा है सुरंग में’; Tunnel में फंसे युवक के पिता की आपबीती सुन भावुक हो जाएंगे
Uttarakhand Tunnel Survivor
सौरव कुमार, बिहार
Uttarakhand Tunnel Survivor Father Emotional Story: मेरे बेटे को बचा लो, 10 दिन से सुरंग के अंदर फंसा है। इकलौता बेटा, हमारे बढ़ापे की लाठी है। अगर उसे कुछ हो गया तो हम किसके सहारे जिएंगे। यह कहते हुए पिता की आंखें भर आईं। लोगों की आंखें भी नम हो गईं। यह कहानी है उस शख्स के पिता की, पिछले 10 दिनों से सुरंग में फंसा हुआ है। उसकी सांसें सुरंग के अंदर अटकी हैं। उसके मां-बाप की उम्मीदें इस खबर पर टिकी हैं कि उनके परिवार का इकलौता कमाने वाला सुरंग से सुरक्षित बाहर निकल आए। बिहार के भोजपुर के सहार प्रखंड के पेउर गांव का रहने वाला 32 वर्षीय सबाह अहमद उर्फ सैफ उत्तरखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसा है, जो लैंड स्लाइड के चलते गत 12 नवंबर को ढह गई थी। उसके पिता मिस्बाह अहमद से बात की गई तो उनकी आंखें छलक गईं। वे दरवाजे और फोन पर टकटकी लगाए इकलौते बेटे की सलामती की दुआएं कर रहे हैं।
सरकार और अधिकारी हररोज सिर्फ दिलासा दे रहे
मिस्बाह अहमद कहते हैं कि मोबाइल पर बेटे की आवाज सुनने के बाद उसके सुरक्षित लौट आने की उम्मीद बरकार है, लेकिन एक-एक दिन बीतने के साथ इंतजार लंबा होता जा रहा है। वे घर के दरवाजे पर ही अधिकांश समय इस उम्मीद से गुजार रहे हैं कि कोई तो अच्छी खबर लेकर आए। बेटा सबाह उत्तराखंड में सड़क परियोजना पर काम कर रही नव योगा कंपनी में पर्यवेक्षक हैं। 10 दिन पहले जब सुरंग हादसे की खबर आई तो परिवार में कोहराम मच गया। अगले दिन उन्हें वॉकी-टॉकी की रिकार्डिंग करके बेटे की आवाज सुनाई गई, तब जाकर सुकून मिला। भरोसा दिया गया कि एक से दो दिन में सभी कामगारों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है। इंतजार लंबा हो रहा है और हर रोज वहां से केवल दिलासा दिया जा रहा है कि शाम को बाहर आएंगे, अगले दिन बाहर आ जाएंगे। अब तो उन लोगों के कहे पर भरोसा भी नहीं हो रहा है। बस भगवान से सलामती की दुआ कर रहे हैं।
सरकार ने हादसे से सबक लिया, ऑडिट शुरू कराया
मिस्बाह कहते हैं कि सबाह का चचेरा भाई भी उसी कंपनी में दूसरी जगह काम करता है। उसके जरिए वहां की गतिविधियों की जानकारी मिल रही है। सबाह सुरंग बनाने वालो नव योगा कंपनी में पिछले 12 सालों से काम कर रहा है। वह 2 साल पहले सुरंग के प्रोजेक्ट से जुड़ा था। ड्यूटी जाने से पहले सबाह फोन पर बात किया करता था। 11 नवंबर की शाम को उसने बताया कि आज वह नाइट ड्यूटी पर जा रहा है। सुबह वापस आएगा तो दोबारा बात करेगा, लेकिन उसके फोन आने के पहले टनल धंसने की मनहूस खबर आ गई। अब बस यही उम्मीद है कि जल्द वे भी सकुशल बाहर आये। वहीं हादसे से सबक लेते हुए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनलों का सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है। इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है। NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे।
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