Manipur Violence: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका के लिए मणिपुर एक ‘मानवीय चिंता’ है और अगर शांति हो तो यहां अधिक निवेश आ सकता है।
कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा, “मुझे पहले मणिपुर के बारे में बोलने दीजिए। हम वहां शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। जब आप हमसे संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता के बारे में पूछते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई रणनीतिक चिंता है। मुझे लगता है यह मानवीय चिंता है।”
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उन्होंने कहा कि जब हम उस तरह की हिंसा में बच्चों और व्यक्तियों को मरते देखते हैं जो हम मणिपुर में देखते हैं, तो आपको चिंता करने के लिए भारतीय होने की ज़रूरत नहीं है और हम जानते हैं कि शांति कई अन्य अच्छी चीजों के लिए मिसाल है। बहुत कुछ अन्य अच्छी चीजें पहले पूर्वोत्तर में हुई हैं, लेकिन वे शांति के बिना जारी नहीं रह सकतीं।
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अमेरिकी सहायता की पेशकश करते हुए गार्सेटी ने कहा, “अगर पूछा गया तो हम किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार हैं। हम जानते हैं कि यह एक भारतीय मामला है और हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। अगर शांति कायम है तो फिर हम अधिक सहयोग, अधिक परियोजनाएं, अधिक निवेश ला सकते हैं।”
मणिपुर के इंफाल में महिला की गोली मारकर हत्या
गुरुवार को मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में एक स्कूल के बाहर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मणिपुर में हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग का विरोध करने के लिए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। तब से लेकर अब तक मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 130 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
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