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ग्रेटर नोएडा से पकड़ा गया एक लाख का इनामी, 7 साल पहले कस्टडी से भागा था

UP Bihar STF Joint Operation : उत्तर प्रदेश और बिहार की STF ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक लाख के इनामी बदमाश को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है।

UP Bihar STF Joint Operation : उत्तर प्रदेश और बिहार की STF ने मिलकर एक लाख इनामी बदमाश को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। ये शातिर बदमाश पुलिस को चकमा देकर पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था। इसके बाद से ही बिहार की पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। जानकारी के आधार पर जब दो राज्यों की स्पेशल पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में धावा बोला तो शातिर बदमाश की होशियारी धरी की धरी रह गई और पकड़ में आ गया। पुलिस कस्टडी से 2017 से फरार चल रहे एक लाख रुपए के इनामी बदमाश को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी को यूपीएसटीएफ और बिहार एसटीएफ के ज्वाइंट आपरेशन के दौरान बीटा टू थाना क्षेत्र में एनआरआई कट के पास से पकडा गया. बिहार पुलिस ने नवम्बर 2024 में इसके खिलाफ एक लाख का इनाम घोषित किया गया। बिहार के कुख्यात बदमाश धर्मवीर यादव की बिहार एसटीएफ लगातार तलाश कर रही थी और इसको लेकर उत्तर प्रदेश एसटीएफ को भी सूचना दी गई थी। मुखबिर को मिली सूचना में बताया गया कि धर्मवीर यादव बीटा टू थाना क्षेत्र में एनआरआई कट के पास मौजूद हैं और कहीं जाने की कोशिश कर रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार एसटीएफ की टीम तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंच गई और घेराबंदी करते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह भी पढ़ें : ‘पत्रकार हूं, CM से फोन कराऊं क्या,’ संभल के डिप्टी SP से उलझने वाला यूट्यूबर अरेस्ट, Video उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि धर्मवीर यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर 2014 में थाना अलौली जनपद खगड़िया बिहार क्षेत्र में ईंट भट्टे पर काम करने वाले मुंशी आलोक का अपहरण कर लिया था। इसको लेकर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उसके बाद धर्मवीर यादव ने अपने परिजनों के साथ मिलकर 2016 में जमीन के विवाद में अपने गांव के रहने वाले राजेश यादव की हत्या कर दी थी। इसको लेकर भी इसके खिलाफ थाना अलौली पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी के पिता और भाई को भी गिरफ्तार किया गया था, जबकि यह मौके से फरार हो गया था। यह भी पढ़ें : Video: शर्मनाक! छात्रों को बनाया मजदूर, 40 किलो के छात्र से उठवाई 50 किलो की बोरियां एएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उसके बाद 2017 में थाना हाजीपुर बिहार पुलिस द्वारा धर्मवीर यादव को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे जेल भेज दिया गया। तब जेल में रहते हुए इसने भागने की योजना बनाई थी। एक दिन धर्मवीर यादव ने सीने में दर्द का बहाना बनाया और जब पुलिस उसको उपचार के लिए सदर अस्पताल खंगड़िया ले गई तो यह मौका पाकर वहां से फरार हो गया। तभी से अपना नाम बदलकर कर अनमोल राय और अमित के नाम से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रह रहा था।


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