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Unparliamentary Remark: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले- इस बार राहुल गांधी के खिलाफ होगी कार्रवाई

Unparliamentary Remark: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस पर इस बार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मामला संसद में राहुल गांधी के दिए गए बयान से जुड़ा है। आरोप है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी (Unparliamentary […]

Unparliamentary Remark: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस पर इस बार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मामला संसद में राहुल गांधी के दिए गए बयान से जुड़ा है। आरोप है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी (Unparliamentary Remark) की थी। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए जोशी ने कहा, "भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को (पीएम मोदी के खिलाफ) निराधार आरोप लगाने के लिए नोटिस जारी किया। उन्होंने (राहुल गांधी) ने जो कहा है, उसे सबूतों के साथ बेश करना है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। मैं इस देश की जनता के प्रति जवाबदेह हूं। इस बार इस नोटिस पर कार्रवाई की जाएगी।"

8 फरवरी को निशिकांत दुबे ने ओम बिरला को भेजा था पत्र

बता दें कि 8 फरवरी को झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भेजा था। पत्र में दुबे ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान भ्रामक, अपमानजनक, अभद्र, असंसदीय, अशोभनीय, सदन और प्रधानमंत्री की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रकृति के थे। उन्होंने अपने पत्र में कहा, "राहुल गांधी ने सदन में यह बयान देने के बावजूद कि वह दस्तावेजी सबूत मुहैया कराएंगे, अपने बयान के समर्थन में कोई विधिवत प्रमाणित दस्तावेज जमा नहीं किया है।" दुबे ने कहा कि कांग्रेस सांसद का बयान किसी भी दस्तावेजी साक्ष्य के अभाव में सदन को गुमराह करने वाला है और प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर भी सवाल उठाता है।

दुबे ने पत्र में तत्काल कार्रवाई की मांग की

भाजपा सांसद के पत्र में लिखा है, "यह आचरण सदन की अवमानना ​​का स्पष्ट मामला होने के अलावा सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना ​​के लिए तत्काल कार्रवाई करें।" बता दें कि पिछले मंगलवार को राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित निकटता से जोड़ने वाले हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अरबपति उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ क्षेत्रों में केंद्र सरकार की ओर से नियम बदले गए।

अडाणी मोदी की निकटता को लेकर राहुल ने दिया था बयान

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी के गौतम अडानी के साथ कथित संबंध कई साल पहले शुरू हुए थे जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत 2014 के बाद हुई जब व्यवसायी वैश्विक अमीरों की सूची में अडाणी 609वें पर थे और हाल ही में वे इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर पहुंच गए थे। राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि एक व्यक्ति पीएम मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था, वह पीएम के प्रति वफादार था, लेकिन असली कहानी तब शुरू हुई जब पीएम मोदी 2014 में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। राहुल गांधी के इस बयान का सदन के अंदर भाजपा सांसदों ने विरोध किया। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार के खिलाफ आरोप निराधार हैं और कांग्रेस का पूरा तंत्र सौदे और कमीशन के दोहरे स्तंभों पर आधारित है।


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