नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है, जिसे हमें जीतने नहीं देना चाहिए। वह दिल्ली में हो रही ‘No Money For Terror Conference’ में बोल रहे थे।
आगे अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया हाल ही में, भारत सरकार ने सामाजिक गतिविधियों की आड़ में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंक की ओर धकेलने की साजिश रचने वाले एक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। वह बोले मेरा मानना है कि हर देश को ऐसे संस्थानों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
आतंकवाद की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं होती
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कुछ देश बार-बार आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का समर्थन करते हैं। मेरा मानना है कि आतंकवाद की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं होती, इसलिए सभी देशों को राजनीति को किनारे रखकर आतंकवाद से लड़ने में एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।
कुछ देश कर रहे समर्थन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस कार्यक्रम में कहा था कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए हमेशा दृढ़ रहा है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंक का समर्थन करते हैं। पीएम ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के हिस्से के रूप में आतंकवाद का समर्थन करते हैं। इन देशों को अलग-थलग कर देना चाहिए। कोई अगर और मगर नहीं हो सकता है।
यह दो देश नहीं हुए शामिल
बता दें इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का यह तीसरा संस्करण है। इससे पहले इस सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने भाग लेने से इन्कार कर दिया था। आज इसका समापन समारोह था। यह दो दिवसीय 18-19 नवंबर का कार्यक्रम था। सम्मेलन में कुल 78 देशों और 20 देशों के मंत्रियों सहित बहुपक्षीय संगठनों हिस्सा लिया। भारत के विरोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने इससे पहले बताया था कि इस तरह का पहला सम्मेलन 2018 में फ्रांस में और दूसरा संस्करण 2019 में मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था।