तनाव से जूझ रहे छात्रों के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का ‘अनोखा कदम’, सभी राज्यों को भेजी गई ‘उम्मीद’ की गाइडलाइंस
Education Ministry guidelines for stress Student: देश में शिक्षा क्षेत्र में तेजी के साथ बढ़ रहे कंप्टीशन के बीच इंजीनियरिंग और मेडिकल से जुड़े छात्रों को एडमिशन के लिए काफी प्रयत्न करने पड़ते हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल में एडमिशन के लिए बढ़ रहे कंप्टीशन की बीच छात्रों की ओर से कई ऐसे कदम उठा लिए जाते हैं, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। एडमिशन को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से छात्रों की ओर से की जा रही आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को अब गाइड लाइन भेजी गई है।
स्कूलों में गठित की जाएगी वेलनेस टीम
मिली जानकारी के अनुसार, राज्यों को भेजी गई गाइड लाइन के अंतर्गत स्कूलों को वेलनेस टीमें गठित करनी होगी। गठित की गई इस टीम में वाइस प्रिंसिपल, हेडमास्टर्स, शिक्षक, छात्र, वार्डन, अभिभावक और काउंसलर जैसे लोग शामिल होंगे। इस टीम में शामिल लोग स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बातचीत के लहजे के साथ उनके व्यवहार का आकलन करेंगे। इसके साथ ही किसी स्थिति में बच्चों के भीतर आने वाले किसी भी तरह के असमान्य बदलाव नोटिस किए जाने पर टीम की ओर से एहतियाती कदम उठाना अनिवार्य होगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताए छात्रों में चनाव के लक्षण
मंत्रालय की ओर से भेजी गई गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि गठित की गई टीम के सदस्यों को छात्रों के भीतर के उन लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है। जिसके तहत यदि पीड़ित छात्र अपने दोस्तों और परिवार के बीच यह कहता है कि "मेरी इस दिक्कत का कोई समाधान नहीं कर सकता, मैं बिल्कुल बेकार हूं, मैं मानसिक और शारीरिक रूप से थक गया हूं, मैं हर समय उदास महसूस करता हूं, अब कुछ भी ठीक नहीं होगा" जैसे वाक्यों का प्रयोग करता है तो उस छात्र से समय रहते बातचीत करनी होगी। गाइडलाइंस में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में छात्र से समय रहते बातचीत करके व उसके व्यवहार का आकलन करके उसके अनमोल जीवन को बचाया जा सकता है। इसके लिए शिक्षकों और परिवार दोनों को एक साथ आगे आना होगा और सभी को मिलकर छात्रों को ऐसे तनाव से बाहर निकालना होगा। इसके साथ ही बताया गया है कि छात्र यदि अचानक से दोस्तों, सोशल मीडिया, क्लासरूम से गायब रहने लगे या हर समय ध्यान कहीं और रखने लगे, सोने के समय में अचानक बदलाव दिखे तो इसे भी तनाव के लक्षण के हिसाब से ही देखा जाए और इसके लिए जरूरी कार्रवाई की जाए।
कई भागों में बांटी गई गाइडलाइंस
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के स्कूलों के लिए तैयार की गई गाइडलाइन को कई भागों में बांटा गया है। जिसमें आत्महत्या के कारण, भ्रांतियां और सच्चाई, आत्महत्या को प्रभावित करने वाले कारक, छात्रों के चेतावनी संकेत आदि को शामिल किया गया है। इसी के तहत चेतावनी संकेत मिलने के बाद अब स्कूली बच्चों को बचाने कवायत शुरू होगी, इसके लिए स्कूल को वातावरण में सकारात्मकता लाने के साथ ही आत्महत्या जैसे घातक कदम को रोकने के लिए कई बड़े प्रयत्न करने होंगे। जारी हुई गाइडलाइन के अनुसार, शिक्षक यदि किसी बच्चे के व्यवहार में ऐसे बदलाव देखता है तो उसे बच्चे से बातचीत करते समस्याओं की जानकारी लेकर उसका समाधान जरूर करना चाहिए, इसके साथ ही तनावग्रस्त छात्रों को अकेले बिल्कुल न छोड़ने की हिदीयत दी गई है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.