UGC on guidelines regarding reservation SC ST OBC General Category seats: रिजर्वेशन को लेकर जारी विवादित गाइडलाइन पर यूजीसी ने सफाई दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण को खत्म किये जाने का विरोध सामने आने के बाद अपना स्टैंड बदल लिया है। यूजीसी ने कहा है कि किसी भी आरक्षित श्रेणी (SC, ST, OBC) की सीट को अनआरक्षित कैटेगरी से नहीं भरा जायेगा। इसके पहले कहा गया था की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिपार्टमेंट में भर्तियों में अगर कोई भी योग्य उम्मीदवार रिजर्व कैटेगरी में नहीं मिलता है तो उसकी पूर्ति अनरिजर्व्ड कैटिगरी वाले उम्मीदवारों से की जाएगी।
बता दें कि यूजीसी के ड्राफ्ट की गाइडलाइन में उच्च शिक्षा संस्थानों में SC, ST और OBC के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं होने की स्थिति में बची हुई सीटों को जनरल कैटेगरी के लिए खोलने की बात कही गई थी। यह गाइडलाइन 27 दिसंबर 2023 को जारी की गई थी जिसपर 28 जनवरी तक पब्लिक ओपिनियन मांगा गया था।
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शिक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के अनुसार शिक्षक संवर्ग में सीधी भर्ती के सभी पदों के लिए केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (सीईआई) में आरक्षण प्रदान किया जाता है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद किसी भी आरक्षित पद को अनारक्षित नहीं किया जायेगा। शिक्षा मंत्रालय ने सभी सीईआई को 2019 अधिनियम के अनुसार रिक्तियों को सख्ती से भरने का निर्देश दिया है।
यूजीसी अध्यक्ष ने क्या कहा
यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा है कि यह स्पष्ट करना है कि अतीत में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (सीईआई) में आरक्षित श्रेणी के पदों का कोई आरक्षण नहीं हुआ है और ऐसा कोई आरक्षण नहीं होने जा रहा है। सभी एचईआई के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी बैकलॉग आरक्षित श्रेणी के पद ठोस प्रयासों से भरे जाते हैं।
जयराम रमेश ने उठाया सवाल
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा UGC के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में टीचिंग स्टाफ की भर्ती से जुड़े ड्राफ्ट की गाइडलाइन को लेकर कहा था कि SC, ST और OBC का आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। उन्होंने यूजीसी के प्रस्ताव को मोहन भागवत की मंशा के मुताबिक बताते हुए इसे दलित, आदिवासी और पिछड़ों के साथ अन्याय बताया था।
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