Manipur:मणिपुर की शर्मनाक घटना पर पूरे देश में गम और गुस्सा है। महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही वीडियो हमारे संज्ञान में आया, हमने आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की। हमने एक मिनट भी ज़ाया नहीं किया है। सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि सख्त से सख्त सजा आरोपियों को दिलाई जाएगी। फांसी की सजा की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। यह बेहद घिनौना अपराध है।
एफआईआर में रेप और मर्डर की धाराएं जुड़ीं
वहीं पुलिस का कहना है कि मुख्य अपराधी जिसने हरे रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी और महिला को पकड़ रखा था। उसकी शिनाख्त होने के बाद गुरुवार को पकड़ा गया है। उसका नाम हुइरेम हेरोदास मैतेई (32 वर्ष) है और वह पेची अवांग लीकाई का है। अब तक 4 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। दर्ज की गई एफआईआर में बलात्कार और हत्या की धाराएं पहले ही जोड़ी जा चुकी हैं।
एफआईआर में वारदात की पूरी कहानी
एफआईआर के मुताबिक, यह घटना 4 मई को मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में हुई। जिसके ठीक एक दिन बाद उत्तर-पूर्वी राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प हुई थी। एफआईआर के मुताबिक, 800-1,000 हथियारबंद बदमाशों की भीड़ ने गांव पर हमला किया, घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की और फिर उन्हें आग लगा दी। पांच लोगों का एक परिवार अपनी जान बचाने के लिए गांव से भागकर जंगल में भाग गया था।
आरोप है कि भीड़ ने इनका अपहरण कर लिया। महिलाओं को भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। फिर उन्हें सड़क पर घुमाया गया। भीड़ ने महिलाओं में से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया और जब उसके भाई ने विरोध किया तो उसकी हत्या कर दी गई। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से तीनों महिलाएं भागने में सफल रहीं। निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो अब सामने आया है।
राज्य में उस वक्त सांप्रदायिक तनाव चरम पर था। इस कारण उस समय मामले की रिपोर्ट नहीं की गई थी। भीड़ प्रमुख मैतेई समुदाय से थी।
मणिपुर में अब 150 से अधिक लोग मारे गए
मणिपुर में जातीय हिंसा में 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। 50,000 से अधिक घायल हुए हैं। कुकी समुदाय द्वारा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद 3 मई को चुराचांदपुर में झड़पें हुईं। इसके बाद से अब तक हिंसा जारी हैं।
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