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Transgender Doctors: तेलंगाना में 2 ट्रांसजेंडर बने सरकारी डॉक्टर, चुनौतियों का सामना कर ऐसे रचा इतिहास

Telangana Transgender Doctors: तेलंगाना में पहली बार दो ट्रांसजेंडर ने इतिहास रचते हुए सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं। कहा जा रहा है कि राज्य और उसके बाहर एलजीबीटीक्यू समुदाय की प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि प्राची राठौड़ और रूथ जॉन पॉल उस्मानिया जनरल सरकारी अस्पताल (ओजीएच) […]

Telangana Transgender Doctors: तेलंगाना में पहली बार दो ट्रांसजेंडर ने इतिहास रचते हुए सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं। कहा जा रहा है कि राज्य और उसके बाहर एलजीबीटीक्यू समुदाय की प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि प्राची राठौड़ और रूथ जॉन पॉल उस्मानिया जनरल सरकारी अस्पताल (ओजीएच) में मेडिकल अफसर के रूप में शामिल होने वाले पहले ट्रांसजेंडर डॉक्टर हैं। डॉक्टर प्राची राठौड़ ने कहा कि यहां तक की मेरी यात्रा, जीवन में उतार-चढ़ाव वाले हर ट्रांसजेंडर के समान है। मैंने बचपन से ही अपने कॉलेज में, एमबीबीएस के दौरान और इमरजेंसी डॉक्टर के रूप में काम करते हुए बहुत भेदभाव का सामना किया। ये यात्रा नरक की तरह थी, लेकिन अब मैं सभी के सामने हूं।

कहा- मैं अपने समुदाय के साथ खड़ी रहूंगी

प्राची ने कहा कि आज अपने आत्मविश्वास के कारण मैं अपने समुदाय और आप सभी की सेवा कर रही हूं। प्राची ने कहा कि मैं किसी प्रेरित नहीं थी, लेकिन मैं चाहती था कि कोई मुझसे प्रेरित हो। मैं निश्चित रूप से समुदाय के लिए वहां खड़ी रहूंगी, जहां उन्हें मेरी जरूरत महसूस होगी।

डॉक्टर रूथ जॉन पॉल ने भी संघर्षों के बारे में बताया

डॉ पॉल ने भी न्यूज एजेंसी ANI से अपने संघर्षों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैंने बचपन से ही अपने लिंग के कारण बहुत संघर्ष किया। डॉक्टर बनने के सपने ने मुझे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। मुझे समाज, दोस्तों और रिश्तेदारों से कई कलंक का सामना करना पड़ा। हालांकि, मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की और मैं सुपरिटेंडेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिनकी वजह से मैं यहां हूं। डॉक्टर पॉल ने कहा कि मैंने अपने पीछे सभी अफवाहों को छोड़ दिया और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया। मेरे समुदाय के कई लोगों ने मुझे प्रोत्साहित किया। मेरे पिता का बचपन में निधन हो गया था। मैंने पहले अंशकालिक डॉक्टर के रूप में ट्रांसजेंडरों के लिए एक एनजीओ क्लिनिक में काम किया था। बाद में, मुझे उस्मानिया में चुना गया।

सुपरिटेंडेंट ने राज्य सरकार की प्रशंसा की

उस्मानिया जनरल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नागेंद्र ने इस पहल के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि उस्मानिया अस्पताल में एक ट्रांसजेंडर क्लिनिक स्थापित करने का प्रस्ताव था। 3 चिकित्सा अधिकारियों के लिए रिक्तियां थीं, 36 डॉक्टरों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था। हमने 3 ट्रांसजेंडर डॉक्टरों की भर्ती की है। इनमें 2 ट्रांसवुमेन हैं और 1 एचआईवी प्रभावित चिकित्सा अधिकारी है।


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