रूस और यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया को यह दिखाया कि युद्ध की रणनीति में बहुत तेजी से बदलाव हुआ है और भविष्य के युद्ध के लिए सेना को पूरी तरह से अपने पुराने युद्ध के तरीके को बदलना होगा और भारतीय सेना ने भी इस पर पूरा काम कर लिया है. जिसकी बानगी ऑपेरशन सिंदूर में देखने को मिली.
अपनी ताकत को और ज्यादा धार देने के लिए भारतीय सेना अपने स्पेशल फोर्स के लिए कई उपकरण खरीदने के लिए तैयार है. जिसमें सबसे पहले इस फोर्स को वॉटर बेस्ड ड्रोन यानी पानी वाले ड्रोन दिए जाएंगे.
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सेना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्पेशल फोर्स को जो पानी वाला ड्रोन दिया जाएगा उसकी खरीद इमरजेंसी लेवल पर की जाएगी. इसके अलावा अपने ड्रोन सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कई डाइविंग उपकरण लेने की भी योजना है.
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रिटायर्ड मेजर जनरल एस के सिंह के मुताबिक यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ब्लैक सी में अपने वॉटर बेस्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिसे सी बेबी (Sea Baby) के नाम से जाना जाता है और यह ड्रोन आत्मघाती बॉमर की तरह है, जो टारगेट को पहले ट्रैक करता है, उसके बाद खुद ही विस्फोट कर देता है. इस वॉटर बेस्ड ड्रोन को बड़े ही आसानी से रिमोट के जरिए हैंडल किया जा सकता है.
आपको बता दें कि स्पेशल फोर्स में इस ड्रोन के शामिल होने के साथ ही फोर्स की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा. वॉटर बेस्ड ड्रोन के अलावा स्पेशल फोर्स के लिए ज्यादा से ज्यादा रेंज वाली लॉइटरिंग एम्युनिशन को भी खरीदा जाएगा.
स्पेशल फोर्स के लिए स्पाइक मिसाइल भी खरीदा जाएगा, क्योंकि यह मिसाइल एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो फायर एंड फॉरगेट मिसाइल है. इस मिसाइल को खरीदने के लिए भारतीय सेना बहुत ज्यादा उत्सुक है क्योंकि इसकी कई रेंज है, बड़े से लेकर छोटे रेंज तक है.
हालांकि इन तमाम उपकरण को खरीदने में कितना पैसा खर्च होगा, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है.