अब अकेली महिला भी बन सकेगी मां, Surrogacy एक्ट में हुआ बड़ा बदलाव, क्या हैं नए नियम और शर्तें?
सरोगेसी एक्ट में बदलाव करके भारत सरकार ने महिलाओं को नया अधिकार दिया है।
Indian Government Amended Surrogacy Law: मां बनना हर लड़की का सपना होता है, लेकिन कुछ महिलाएं किन्हीं कारणों से मां नहीं बन पाती। इन्हीं महिलाओं की बच्चा पैदा करने की इच्छा सरोगेसी (Surrogacy) सिस्टम में पूरी की, जिसका फायदा अभी तक सिर्फ शादीशुदा दंपतियों को होता था, लेकिन अब विधवा या अकेली रह रही महिलाएं भी मां बन सकेंगी। भारत सरकार ने सरोगेसी एक्ट 2022 में संशोधन किया है, जिसके तहत अकेली महिलाओं को भी मां बनने का अधिकार मिल गया है।
एक्ट में क्या बदलाव हुआ?
सरोगेसी (Surrogacy) एक्ट संशोधन नियम 2024 के अनुसार, एक पार्टनर के मेडिकली फिट नहीं होने की स्थिति में डोनर गैमीट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि अब बच्चा पैदा करने के लिए पति-पत्नी दोनों का मेडिकली फिट होना अनिवार्य नहीं है। किसी एक के होने से भी बच्चा पैदा हो जाएगा।
दूसरे शब्दों में कहें तो अगर महिला ठीक है तो उसके EGG इस्तेमाल किए जाएंगे और दूसरा डोनर गैमीट (Donated Sperm) लिया जाएगा। यही नियम पुरुषों के मामले में लागू होगा, लेकिन एक शर्त यह है कि ऐसे मामलों में डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड की परमिशन अनिवार्य होगी।
क्यों किया गया एक्ट में बदलाव?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरोगेसी एक्ट 2022 में संशोधन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके एक्ट में धारा-2 के तहत किए गए प्रावधान को चुनौती दी गई थी। केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक्ट में बदलाव करके अकेली और तलाकशुदा महिलाओं को भी सरोगेसी के तहत मां बनने का अधिकार देने को कहा गया।
इस आदेश पर अमल करते हुए सरकार ने एक्ट में संशोधन किया और अकेली महिलाओं को मां बनने के लिए डोनर स्पर्म का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी, लेकिन लिव इन में रहने वाले लोगों पर यह नए नियम लागू नहीं होंगे।
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