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सूरत में 7 जिंदगियां छीनने वाले हादसे का असली सच जानें, 6 मंजिला इमारत हुई थी धराशायी

Surat Building Collapse Reason: गुजरात के सूरत में दर्दनाक हादसे की खबर ने सभी को दहला कर रख दिया है। सचिन पाली में मौजूद छह मंजिला इमारत अचानक से घराशायी हो गई। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई है। तो आइए जानते हैं कि इसकी मुख्य वजह क्या है?

Surat Bulding Collapse
Surat Building Collapse Inside Story: गुजरात के सूरत में बीते दिन एक बड़े हादसे की खबर सामने आई थी। सूरत में मौजूद 6 मंजिला इमारत अचानक से धराशायी हो गई। इस हादसे में 7 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि अभी भी कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। बचाव टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। सूरत के सचिन पाली इलाके में गिरी ये इमारत महज 8 साल पुरानी थी। ऐसे में आखिर इसके गिरने की वजह क्या है?

सूरत में हो रही है मूसलाधार बारिश

दरअसल सूरत के सचिन पाली गांव में पिछले कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसे बिल्डिंग गिरने की मुख्य वजह बताई जा रही है। इस छह मंजिला इमारत में कुल 30 अपार्टमेंट थे। इसमें से पांच अपार्टमेंट में लोग रहते थे। शनिवार की रात को इमारत ढहने के बाद से NDRF और SDRF की टीमें बचाव कार्य में लगी हैं।

8 साल पुरानी थी इमारत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूरत में गिरने वाली ये बिल्डिंग ज्यादा पुरानी नहीं थी। ये इमारत 2016 में बनकर तैयार हुई थी। महज आठ साल में ही बिल्डिंग गिर पड़ी। खबरों की मानें तो इस छह मंजिला इमारत में छह परिवार रहते थे। सचिन इलाके में मौजूद ये बिल्डिंग सूरत महानगरपालिका के अंतर्गत थी। ऐसे में 8 साल पुरानी बिल्डिंग के गिरने पर सवाल उठने स्वाभाविक है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बता दें कि इस हादसे में 7 शव बरामद किए गए हैं और 15 लोग घायल हैं। सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। बिल्डिंग का मलबा हटाया जा रहा है। मलबे के नीचे कई शवों और घायलों के दबे होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इमारत अचानक से कैसे गिर गई? इसका जवाब अभी नहीं मिला है। हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। राहत टीमों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

क्यों गिरी इमारत?

खबरों की मानें तो सूरत में गिरी ये इमारत पहले से जर्जर हालत में थी। बिल्डिंग को बनाने में खराब मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया। जिससे 8 साल में ही बिल्डिंग की खस्ता हालत हो गई। सूरत महानगरपालिका ने पहले ही बिल्डिंग को खाली करने का नोटिस जारी किया था। हालांकि इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया और बिल्डिंग धराशायी हो गई।


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