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कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करे केंद्र

Cheetashs Relocating From Kuno: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) में दो महीने के भीतर तीन चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। निराशा व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने के लिए विचार करने को कहा। जस्टिस बीआर गवई और […]

Cheetashs Relocating From Kuno: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) में दो महीने के भीतर तीन चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। निराशा व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने के लिए विचार करने को कहा। जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की पीठ ने कहा कि विशेषज्ञों और मीडिया लेखों की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि कूनो नेशनल पार्क इतनी बड़ी संख्या में चीतों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने पर विचार करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दो महीने से कम समय में 3 चीतों की मौत गंभीर मामला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो महीने से भी कम समय में (चीतों की) तीन मौतें गंभीर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों की राय और मीडिया में लेख हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कूनो इतने सारे चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप राजस्थान में एक उपयुक्त जगह की तलाश क्यों नहीं करते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में एक विपक्षी दल का शासन है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इस पर विचार नहीं करेंगे। और पढ़िए – ममता बनर्जी के भतीजे से CBI-ED करेगी पूछताछ, कलकत्ता HC का आदेश, जुर्माना भी ठोंका अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को सूचित किया कि एक टास्क फोर्स पहले से ही मौतों की जांच कर रही है और चीतों को अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने की संभावना पर विचार कर रही है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में जान गंवाने वाले कई चीतों में नामीबिया की साशा नाम की मादा चीता की किडनी की बीमारी के कारण 27 मार्च को मौत हो गई थी। दक्षिण अफ्रीका के उदय की 23 अप्रैल को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी महिला चीता की 9 मई को चीतों के आपसी हिंसक हमलों में मौत हो गई थी।

पीठ ने कहा- अगर पहले से बीमार थी साशा तो आयात को कैसे मंजूरी मिली

पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत लाए जाने से पहले एक चीता को पहले से किडनी की बीमारी थी, और सवाल किया कि चीता को आयात के लिए मंजूरी कैसे दी गई, अगर वह पहले से ही बीमारी से पीड़ित थी। भाटी ने अदालत को आश्वासन दिया कि सभी मृत चीतों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और टास्क फोर्स मामले की गहन जांच कर रही है। और पढ़िए –सिद्धारमैया-शिवकुमार के साथ ये विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ, जानें लिस्ट में कौन-कौन शामिल? भाटी ने चार चीता शावकों के सफल जन्म पर भी प्रकाश डाला और यह दर्शाता है कि वे कूनो में अच्छी तरह से घुलमिल रहे हैं। पीठ ने कहा कि आप चीतों को विदेश से ला रहे हैं। यह अच्छी बात है। लेकिन उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्हें उपयुक्त आवास देने की आवश्यकता है। पीठ ने कहा कि वे सरकार पर कोई आक्षेप नहीं लगा रही है बल्कि मौतों पर चिंता व्यक्त कर रही है। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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