सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से क्यों मांग ली 183 एनकाउंटर की रिपोर्ट?
UP Encounter Case
Police encounters In Uttar Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि 5 से 10 लोग अतीक अहमद सुरक्षा कर रहे थे। कोई कैसे आकर गोली मार सकता है? यह कैसे होता है? इसमें किसी की मिलीभगत है। पीठ ने राज्य सरकार से 2017 के बाद से हुई 183 पुलिस एनकाउंटर की स्टेट्स रिपोर्ट मांग ली है। इसमें कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर का भी मामला जुड़ा है।
पीठ ने शुक्रवार को योगी सरकार से छह सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। जिसमें मुठभेड़ों का विवरण, जांच की स्थिति, दायर आरोप पत्र और मुकदमे की स्थिति का विवरण मांगा है। 15 अप्रैल को प्रयागराज में पूर्व लोकसभा सदस्य अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या हुई थी।
दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में हैं दाखिल
सुप्रीम कोर्ट ने वकील विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। विशाल ने मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता संभालने के बाद से यूपी में हुई 183 पुलिस मुठभेड़ों की सुप्रीम कोर्ट के जज से स्वतंत्र जांच की मांग की है। दूसरी याचिका अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की तरफ से दायर की गई है। इसमें अतीक-अशरफ हत्याकांड की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
एक याचिका खारिज, कहा- पहले से आयोग बना
अदालत ने पुलिस मुठभेड़ों और इनमें पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच के लिए विशाल तिवारी की एक स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग गठित करने की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस तरह का एक आयोग बना चुकी है।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश चुनाव में 16 फीसदी वोट बैंक के लिए क्या है मोदी का गेम चेंजर प्लान?
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.