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देश का एक ऐसा मंदिर, जहां हर छह महीने में जमा हो जाता है चंद्रयान जितना बजट; रोज 70 हजार भक्तों की आमद

Tirupati Ayumalyana Temple: आज हम आपको एक ऐसे मंदिर से की हकीकत से रू-ब-रू करा रहे हैं, जिसमें हर महीने 100 करोड़ की आमदन होती है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि हर छह महीने में चंद्रयान-3 जितना बजट जमा हो जाता है।

तिरुमाला: आस्था बहुत बड़ी चीज है। तिरुपति बाला जी या शिरड़ी का साईं मंदिर, दोनों इसी आस्था के परिणामस्वरूप दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। दूसरी ओर इसी भारतभूमि पर बहुत से ऐसे और भी मंदिर हैं, जहां धन-धान्य की कमी वहां भी नहीं है। News 24 हिंदी आज आपको एक ऐसे मंदिर से की हकीकत से रू-ब-रू कराने जा रहा है, जिसमें हर महीने 100 करोड़ की आमदन होती है। यह वही रकम है, जिसके लिए अक्सर रूपहले पर्दे को फाइट करते देखा जा सकता है। जरूरी नहीं कि हर फिल्म 100 करोड़ के बजट में शामिल हो पाए, लेकिन ये तय है कि इस मंदिर में हर महीने 100 करोड़ आना ही आना है। दूसरी भाषा में कहा जा सकता है कि यहां हर छह महीने में चंद्रयान-3 जितना बजट जमा हो जाता है। आइए जानें कहां है यह अनूठा मंदिर... एक तमिल न्यूज प्लेटफॉर्म Dinakaran आंध्र प्रदेश में तिरुमला पर्वत शृंखला में स्थित कलियुग के नयनाभिराम देवता कहे जाने वाले तिरुपति एयुमालयन का मंदिर आए दिन आस्था का प्रतीक बनता जा रहा है। इसी के साथ साल-दर-साल धन-दान में भी बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि पिछले 70 वर्षों तक प्रतिदिन केवल 600 श्रद्धालु ही दर्शन करते थे। 1982 तक कम उपस्थिति के कारण भक्तों को कुलशेखरपड़ी तक जाने की अनुमति थी। 1990 में यहां रोज 32 हजार 333 यानि सालभर में करीब 1.18 करोड़ श्रद्धालुओं की आमद दर्ज की गई। वर्ष 2000 में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक यहां आने वाले भक्तों की संख्या लगभग दोगुनी यानि 2 करोड़ 37 लाख 25 हजार प्रति वर्ष दर्ज की गई। यह भी पढ़ें: मां वैष्णो देवी के दर्शन करने हेलीकॉप्टर से जाना चाहते हैं तो किराये को लेकर नया अपडेट जरूर जान लें भक्तों की आमद बढ़ने के चलते 2005 में यहां जयापेरी-विजयपेरी द्वार बलागर की मूर्ति तक केवल 50 फीट की दूरी से खड़े दर्सियों की व्यवस्था की गई थी। वह योजना आज भी जारी है। वहीं 2010 के बाद से यहां हर दिन लगभग 70,000 लोग मंदिर में आते हैं। 2014 में यहां नारायणगिरि पंक्ति की स्थापना की गई। हालांकि वैकुंडम 2Q परिसर भरा हुआ होता है और भक्तों को नारायणगिरि कतार से परे लगभग 5 किमी की दूरी तक यानि बाबाविनासम रोड पर कल्याण वेदिका तक लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ता है। श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से सिक्का राजस्व भी साल-दर-साल बढ़ रहा है। यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में पटाखा गोदाम में भीषण आग, 7 लोगों की मौत इस साल 1 जनवरी को एक ही दिन में 7 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान मिला, वहीं सामान्य दिनों में हर महीने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का धन दान मिल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए देवस्थानम ने चालू वर्ष के बजट में 1500 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। इसके अलावा उंडयाल में प्रति वर्ष 1300 किलो तक सोना मिलता है। गौरतलब है कि देवस्थानम के पास पिछले वित्तीय वर्ष तक 11 हजार किलो सोना और 7000 करोड़ रुपए नकद जमा था। देश-दुनिया की अन्य महत्वपूर्ण और रोचक खबरें पढ़ने के लिए लॉग ऑन करें News 24


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