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लहंगे से लेकर वेडिंग कार्ड पर नाम तक…आनंद कारज को लेकर कड़े हुए नियम, श्री हजूर साहिब का ऐलान

Sikh Anand Karaj Rules: सिखों के आनंद कारज को लेकर नए नियम बने हैं, जिन्हें लागू कर दिया गया है। उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

Anand Karaj
Sikh Marriage Anand Karaj Laws Latest Update: सिखों में आनंद कारज को लेकर नियम और कड़े हो गए हैं। आज तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ की अहम बैठक हुई। इसमें पांचों सिंह साहिबान ने आपस में विचार विमर्श करके आनंद कारज को लेकर कुछ फैसले लिए। इन फैसलों की घोषणा करते हुए सिंह साहिबान ने ऐलान किया कि सिख समुदाय के लोग नए नियमों का सख्ती से पालन करें। उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं नए फैसलों के अनुसार, अब शादी के कार्ड पर दूल्हा और दुल्हन का पूरा नाम लिखना होगा। इसके साथ सिंह और कौर लगाना अनिवार्य है। आनंद कारज के दौरान दुल्हन सूट पहनेगी, लहंगा नहीं। लावां के दौरान दूल्हा-दुल्हन पर फूल नहीं बरसाए जाएंगे।  

जम्मू कश्मीर में लागू हुए आनंद कारज एक्ट

दूसरी ओर, सिख समुदाय के लिए बड़ी खुशखबरी यह है कि जम्मू कश्मीर में भी आनंद कारज एक्ट लागू हो गया है। 11 साल बाद प्रदेश में एक्ट लागू हुआ। वहीं 2012 में पारित हुआ आनंद विवाह (संशोधन) विधेयक लागू किया गया है। इसे सबसे पहले केरल में लागू किया गया था, लेकिन अनुच्छेद 370 लगे होने के कारण जम्मू-कश्मीर में यह एक्ट लागू नहीं हो सका था। अब क्योंकि अनुच्छेद 370 हट गया है तो इसके साथ ही प्रदेश में अब बाकी देश में लागू किए जा चुके एक्ट भी लागू होने लगे हैं। 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के सिख समुदाय ने मार्च 2021 में आनंद कारज एक्ट लागू करने की मांग की थी, जिसे अब लागू किया गया। इसका श्रेय प्रदेश के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को जाता है। यह भी पढ़ें: Solar Storm Alert: धरती की ओर स्पीड से बढ़ रहा सौर तूफान, 17 दिसंबर को मच सकती तबाही!

जम्मू कश्मीर में आनंद कारज को लेकर नियम

गत 30 नवंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार, जम्मू कश्मीर आनंद विवाह पंजीकरण नियम 2023 बनाया गया है, जिसे लागू किया जाता है। इस नए कानून के तहत तहसीलदार अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में रहने वाले सिख समुदायों की शादियों का रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। सिख जोड़े अपनी शादी को 3 महीने के अंदर रजिस्टर्ड करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें नियमानुसार आवेदन करना होगा। विलंब शुल्क की व्यवस्था भी की गई है। नियमों के साथ ही विवाह पंजीकरण होंगे।


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