Shiv Sena MLAs' disqualification case Ramdas Athawale reaction: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले पर फैसला सुनाया। इस फैसले में उन्होंने शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया। इस पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, सांसद संजय राउत, प्रियंका चतुर्वेदी, विधायक आदित्य ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. रामदास अठावले समेत की नेताओं का बयान सामने आया है। आइए, जानते हैं किसने क्या कहा...
'हम इस लड़ाई को आगे भी लड़ेंगे'
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज जो स्पीकर का आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया और गलत फैसला लिया। हम इस लड़ाई को आगे भी लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
'लोकतंत्र और संविधान के सिद्धांतों की हत्या'
स्पीकर नार्वेकर के फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज फैसले ने आधिकारिक तौर पर हमारे राज्य में लोकतंत्र और संविधान के सिद्धांतों और स्तंभों की हत्या कर दी है। यह फैसला केवल शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बारे में नहीं था, यह हमारे देश के संविधान और लोकतंत्र के बारे में है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि इस घृणित राजनीतिक खेल के खिलाफ संविधान और लोकतंत्र की सुरक्षा होगी।
'लोकतंत्र और हिंदुस्तान के इतिहास का आज काला दिन'
संजय राउत ने कहा कि गुजरात लॉबी ने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को खत्म करने का खतरनाक षड्यंत्र रचा है। विधानसभा अध्यक्ष झूठे हैं। महाराष्ट्र की शिवसेना को खत्म करके आप मुंबई को कब्जे में नहीं ले सकते हैं। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। आज लोकतंत्र और हिंदुस्तान के इतिहास का काला दिन है।
'हमें लोकसभा चुनाव में फायदा होगा'
रामदास अठावले ने कहा कि स्पीकर का फैसला उद्धव ठाकरे के लिए बहुत बड़ा झटका है। इससे एकनाथ शिंदे सीएम बने रहेंगे। उनका गुट ही असली शिवसेना राजनीतिक पार्टी है। अठावले ने कहा कि यह फैसला संविधान के अनुरूप है। इससे हमें लोकसभा चुनाव में फायदा होगा।
'उद्धव को जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट'
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उद्धव को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। उन्हें उच्चतम न्यायालय में ही न्याय मिलने की उम्मीद है। वहीं, अंबादास दानवे ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले को चुनौती देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सुभाष देसाई के मामले में कहा था कि पार्टी संगठन महत्वपूर्ण है।
'2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है'
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं। हमने सुना था 'वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा' होता है'...2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है, 'वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है'। यही हम महाराष्ट्र में होते हुए देख रहे हैं। जिस चीज़ को सुप्रीम कोर्ट ने 'अवैध' और 'असंवैधानिक' कहा था, उसे 'लीगल में बदला जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
'पार्टी में भी लोकतंत्र होना चाहिए'
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) नेता दीपक केसरकर ने कहा कि स्पीकर के फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा। इस फैसले की सच्चाई यह है कि पार्टी में भी लोकतंत्र होना चाहिए। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। सभी तथ्यों के विश्लेषण के बाद यह फैसला लिया गया है। यह सही निर्णय है।
राहुल नार्वेकर ने क्या फैसला सुनाया?
बता दें कि स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि शिवसेना के संविधान के अनुसार पार्टी प्रमुख किसी को भी बाहर नहीं निकाल सकते। इसलिए उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को हटाना शिवसेना के संविधान के आधार पर अस्वीकार है। इसके साथ ही स्पीकर ने कहा कि 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरे तो शिंदे गुट ही असली शिवसेना थी।
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