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शरद पवार की पार्टी को मिला नया नाम, चुनाव आयोग ने लगाई मुहर

Sharad Pawar Party Name: शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार के नाम से पहचानी जाएगी। चुनाव आयोग ने इस पर मुहर लगाई।

Sharad Pawar Party Name: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शरद पवार की पार्टी को नया नाम दे दिया है। शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार के नाम से जानी जाएगी। राज्यसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने शरद पवार की पार्टी से तीन नाम मांगे थे। जिसमें से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरदचंद्र पवार फाइनल हुआ है। इससे पहले चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और सिंबल दे दिया था। ऐसे में शरद पवार की पार्टी की पहचान पर सवाल खड़ा हो गया था। अब राज्यसभा चुनाव के लिए शरद पवार की पार्टी इस नाम का इस्तेमाल कर सकेगी।

पार्टी सिंबल के लिए 3 नाम

सूत्रों के अनुसार, पार्टी सिंबल के लिए शरद पवार की ओर से तीन सिंबल दिए गए हैं। उनमें वटवृक्ष, उगता हुआ सूरज और कप-प्लेट शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो शरद पवार की पार्टी को चुनाव आयोग की ओर से वटवृक्ष का सिंबल दिया जा सकता है।

शरद पवार की ओर से भेजे गए थे तीन नाम

पार्टी का नाम और सिंबल छिनने के बाद शरद पवार की पार्टी नए नाम की तलाश में थे। जानकारी के अनुसार, बुधवार को शरद पवार की पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को तीन नाम भेजे गए। केंद्रीय चुनाव आयोग को शरद पवार की पार्टी की ओर से भेजे गए इन नामों में नेशनलिस्ट  कांग्रेस पार्टी- एस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद पवार और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार शामिल थे। अब तीसरे नाम नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार पर मुहर लगाई गई है।

अजित पवार गुट ही असली एनसीपी

बता दें कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को चुनाव आयोग ने झटका दिया था। मंगलवार को अजित पवार गुट को ही असली NCP घोषित किया गया था। ऐसे में अब शरद पवार को पार्टी का नया नाम और नया सिंबल लेना होगा। कहा जा रहा है कि अजित पवार गुट ने एनसीपी मुख्यालय पर भी दावा करने की तैयारी की है।

24 साल पहले हुई थी स्थापना

इससे पहले शिवसेना में टूट के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली पार्टी को ही असली शिवसेना करार दिया गया था। अब उद्धव ठाकरे की पार्टी का नाम शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) है। उन्हें मशाल चुनाव चिह्न दिया गया है। आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना करीब 24 साल पहले 10 जून 1999 को हुई थी। इसकी स्थापना शरद पवार, तारिक अनवर और पी ए संगमा ने की थी। इसका चुनाव चिह्न घड़ी है।

क्या है नियम? 

किसी भी पार्टी और उसके सिंबल पर दावा करने के लिए दो तिहाई विधायकों का समर्थन चाहिए होता है। यदि किसी पार्टी के नेता को ये समर्थन मिल जाता है तो चुनाव आयोग उसे पार्टी और सिंबल दे देता है। फिर कमजोर समर्थन वाले नेता को अपनी पार्टी के नए नाम और सिंबल के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करना होता है। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव से पहले शरद पवार से तीन नाम मांगे थे। बता दें कि शरद पवार का राजनीतिक करियर 55 साल का है। हालांकि शरद पवार चाहें तो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्यसभा और लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार का गुट कानूनी सलाह ले रहा है। बताते चलें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी। वे 40 विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। गठबंधन की सरकार में उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। एनसीपी के 81 सांसद और विधायकों में से अजित पवार के पास 57 का समर्थन है। ये भी पढ़ें: शरद पवार को लगा बड़ा झटका, NCP का नाम और निशान अजित गुट को मिला


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