बढ़ती ‘रहस्यमयी बीमारी’ के बीच चीन पर पैनी नजर, देश में निमोनिया के लक्षण वाले मरीजों की जांच हुई शुरू
Several private hospitals started Testing of patients: चीन में बढ़ती 'रहस्यमयी बीमारी' के बीच देश के कई निजी अस्पतालों ने बच्चों में फेफड़ों के संक्रमण और निमोनिया से बचाव करना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पिछले 15 दिन से सांस संबंधी बीमारियों में बढ़ोत्तरी देखी गई है, इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार, राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी कर चुकी है।
बीमारी से निपटने के लिए तैयारी हुईं तेज
भले ही सरकारी अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित करने के लिए कहा गया है, लेकिन निजी अस्पताल भी इसका पालन करने के लिए तैयार हैं। सीएमआरआई अस्पताल के पल्मोनोलॉजी निदेशक राजा धर ने कहा, चीन में इसका प्रकोप वायरस के तनाव के कारण हो सकता है, लेकिन यह कुछ लोगों तक ही सीमित है। उनका कहना है कि इसने आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन उपाय आवश्यक हैं और वे जल्द ही हमारे अस्पताल में होंगे।
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रोगियों की पहचान शुरू
वहीं कोलकाता के एएमआरआई अस्पतालों ने अपने आउटडोर विभाग के द्वारा निमोनिया के रोगियों की पहचान करना शुरू कर दिया है। एएमआरआई के सीईओ रूपक बरुआ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा इस मुद्दे पर हमारे संक्रामक रोग विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई और उन्होंने निमोनिया के लक्षणों वाले रोगियों की जांच की सिफारिश की है।
बढ़ रहे रोगी
चार्नोक अस्पताल(Charnock) में पिछले तीन हफ्तों में गंभीर निमोनिया से पीड़ित लगभग 10 बच्चे आए हैं। पिछले आठ दिनों में, बीपी पोद्दार अस्पताल में सांस की बीमारी से पीड़ित 55 बच्चे आए हैं, जिनमें से 21 को भर्ती कराया गया और 17 को निमोनिया था।
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