Vande Bharat Train में सफर करने वाले जरूर पढ़ें ये खबर, भारतीय रेलवे ने किया बड़ा बदलाव
Indian Railway: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने वालों के लिए अहम खबर सामने आई है। भारतीय रेलवे ने जानकारी दी है कि नए कलेवर में वंदे भारत एक्सप्रेस जल्द ही लॉन्च की जाएगी। हाल ही में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई वंदे भारत की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
केंद्रीय मंत्री ने चेन्नई में इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री में नई रेक का निरीक्षण किया था और इस दौरान 'भगवा रंग' की सेमी-हाई स्पीड ट्रेन की तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने कहा था कि नई वंदे भारत का रंग भारत के तिरंगे से प्रेरित है। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें वंदे भारत एक्सप्रेस को ICF निर्माण यूनिट के बाहर रेलवे ट्रैक पर देखा जा सकता है।
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, नई भगवा रंग की वंदे भारत एक्सप्रेस वर्तमान में ICF में है, जहां वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाता है। रेलवे अधिकारियों ने पहले घोषणा की थी कि भारत निर्मित सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस की 28वीं रेक का रंग 'भगवा' होगा।
दो बार बदल चुकी है उद्घाटन की तारीख
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस 28वें रेक का रंग परीक्षण के आधार पर बदला जा रहा है। पहले उम्मीद थी कि 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर 28वीं रेक चालू कर दी जाएगी। हालांकि, बाद की रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि 19 अगस्त नई भगवा-ट्रेन का उद्घाटन किया जाएगा। हालांकि, इसमें और देरी हो गई है और अब ट्रेन के आधिकारिक उद्घाटन की कोई आधिकारिक खबर नहीं है।
बता दें कि पीएम मोदी ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। भारत में अब कुल 25 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें हैं।
वंदे भारत की ये बातें आपको जाननी चाहिए
- वंदे भारत का 100 किलोमीटर तक का एसी चेयर कार फेयर चार्ज 301 रुपये जबकि इतनी ही दूरी के लिए एग्जिक्यूटिव क्लास का फेयर 634 रुपये है।
- वंदे भारत का 300 किलोमीटर तक का एसी चेयर कार फेयर चार्ज 624 रुपये जबकि इतनी ही दूरी के लिए एग्जिक्यूटिव क्लास का फेयर 1287 रुपये है।
- वंदे भारत का 400 किलोमीटर तक का एसी चेयर कार फेयर चार्ज 770 रुपये जबकि इतनी ही दूरी के लिए एग्जिक्यूटिव क्लास का फेयर 1580 रुपये है।
- वंदे भारत का 100 किलोमीटर तक का एसी चेयर कार फेयर चार्ज 980 रुपये जबकि इतनी ही दूरी के लिए एग्जिक्यूटिव क्लास का फेयर 1880 रुपये है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का डिजाइन और टेक्निक पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे बनाने में विदेश की ट्रेन से करीब 60 फीसदी कम लागत आती है।
- वंदे भारत डेढ़ साल जबकि विदेश ट्रेन का निर्माण 3 साल में होता है।
- वंदे भारत में कवच टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके मुताबिक, अगर लोको पायलट रेड सिग्नल नहीं देख पाता है तो ये कवच टेक्नोलॉजी लोको पायलट को तुरंत अलर्ट कर देती है।
- वंदे भारत की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसके सभी कोच में सस्पेंडेड ट्रैक्शन मोटर लगा है। रफ्तार तेज होने के बावजूद ट्रेन आरामदायक होती है।
- ट्रेन के आगे और पीछे, दोनों तरफ लोको पायलट कोच है, जिससे बार-बार इंजन बदलने की जरूरत नहीं होती।
- ट्रेन के एग्जिक्यूटिव कोच में 180 डिग्री तक रोटेट होने वाली सीटें लगी हैं। इसके अलावा ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर, फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरा, वाई-फाई की सुविधा मिलती है।
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