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S-400 डिफेंस सिस्टम की कीमत कितनी? जो भारत के लिए बना ‘सुदर्शन चक्र’

जब देश ने पहली बार दुनिया सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम S-400 "सुदर्शन चक्र" का इस्तेमाल किया। आसमान से आई दुश्मन की मिसाइलें और ड्रोन इस सिस्टम के आगे टिक नहीं पाए और हवा में ही खत्म हो गए। आइए जानते हैं इस इसकी एयर डिफेंस सिस्टम की कीमत?

S-400 India price
जब पहली बार देश के दुनिया के सबसे खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 "सुदर्शन चक्र" का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान की ओर से आए मिसाइल और ड्रोन हमलों को इस आधुनिक सिस्टम ने हवा में ही खत्म कर दिया। यह वही S-400 है जिसे भारत ने रूस से हजारों करोड़ रुपये खर्च करके खरीदा था। इसकी ताकत और रफ्तार इतनी जबरदस्त है कि दुश्मन सोच भी नहीं सकता कि कब और कहां से हमला होगा। पहली बार ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल होना देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पहली बार ऑपरेशन में आया भारत का S-400

7-8 मई की रात भारत ने पहली बार रूसी S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का ऑपरेशन में उपयोग किया। पाकिस्तान की ओर से कई मिसाइलें और ड्रोन जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सैन्य और नागरिक ठिकानों की तरफ भेजे गए थे। लेकिन भारतीय वायुसेना ने S-400 "सुदर्शन चक्र" की मदद से इन सभी खतरों को समय रहते नष्ट कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने बयान दिया कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और इस हमले में कोई जान-माल की हानि नहीं हुई।

पाकिस्तान के जवाब में भारत ने भी किए हवाई हमले

पाकिस्तान द्वारा 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाए जाने की कोशिश के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। भारतीय वायुसेना ने लाहौर समेत पाकिस्तान के कई इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। यह हमला "ऑपरेशन सिंदूर" का हिस्सा था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।

S-400 की ताकत और कीमत

S-400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम रूस का बनाया हुआ एक बहुत ही आधुनिक और ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम है। यह दुश्मन के हवाई हमलों से बचाने के लिए इस्तेमाल होता है। भारत ने इसे खरीदने के लिए साल 2018 में रूस के साथ लगभग ₹35,000 करोड़ (करीब 5.4 अरब डॉलर) का सौदा किया था। भारत को अब तक S-400 सिस्टम के तीन सेट (स्क्वाड्रन) मिल चुके हैं और बाकी दो 2026 तक आ जाएंगे। यह सिस्टम एक साथ 160 दुश्मन चीजों (जैसे विमान, मिसाइल, ड्रोन) को ट्रैक कर सकता है और उनमें से 72 को एक साथ मार सकता है। S-400 की रेंज 400 किलोमीटर तक है यानी यह इतनी दूर से ही दुश्मन को पहचान कर हमला कर सकता है। यह सिर्फ 5 मिनट में चालू होकर हमला करने के लिए तैयार हो जाता है। यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल को भी हवा में ही तबाह कर सकता है। इसलिए यह भारत की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी और शक्तिशाली हथियार है।

‘सुदर्शन चक्र’ बना आसमान का रक्षक

भारतीय वायुसेना ने S-400 मिसाइल सिस्टम को 'सुदर्शन चक्र' नाम दिया है। यह नाम भगवान विष्णु के उस दिव्य हथियार पर रखा गया है जो बहुत तेज, सटीक और दूर से दुश्मन को मारने वाला माना जाता है। S-400 में भी यही खूबियां हैं, इसलिए यह नाम इसके लिए बिलकुल सही है। पूर्व एयर मार्शल संजीव कपूर ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन S-400 की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाया। यह सिस्टम इतनी अच्छी टेक्नोलॉजी से बना है कि दुश्मन की हर हरकत पर नजर रख सकता है और तुरंत जवाब दे सकता है। S-400 न सिर्फ दुश्मन की मिसाइलों और जहाजों को रोकने में सक्षम है, बल्कि यह दुश्मन के दिमाग में डर भी बैठा देता है। हाल की घटनाओं में भारत ने यह साबित कर दिया है कि उसके पास न सिर्फ अच्छी टेक्नोलॉजी है, बल्कि सही समय पर सही फैसला लेने की भी ताकत है।


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