जयंत चौधरी पर भाजपा की नजर
इस बीच राष्ट्रीय लोकदल (RLD) पर एनडीए की नजरें हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि एनडीए जयंत चौधरी को अपने पाले में लाने की कोशिश है। इसके पीछे वजह यह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सीटों में अधिक कमी नहीं आई, लेकिन मत प्रतिशत जरूर गिरा। भाजपा का मानना है कि अगर जयंत चौधरी की पार्टी रालोद साथ आ जाए तो वह पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय के मतों से क्लीन स्वीप कर सकती है।आधा दर्जन सीटें भी नहीं दे रही भाजपा
यह भी खबर आ रही है कि भाजपा यूपी में राष्ट्रीय लोकदल को सिर्फ 3 सीटें दे रही हैं, जबकि जयंत चौधरी इससे अधिक की इच्छा है। असल पेच यहीं पर फंसा है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने जयंत चौधरी ने तीन सीटों का ऑफर दिया है। पार्टी का कहना है कि जयंत चौधरी को जो तीन सीटें दी जा रही हैं, उन पर जीत तय है। उधर, जयंत चौधरी अतिरिक्त सीटों की मांग कर रहे हैं। यहीं पर पेंच फंस गया है।मुजफ्फरनगर सीट पर है रार
यह भी कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी ने आधा दर्जन सीटों पर अपना दावा ठोकने के साथ मुजफ्फरनगर सीट भी मांगी है। इसके कारण मामला फंस गया है, क्योंकि इस सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी से संजीव बालियान सांसद हैं। जाहिर है भाजपा अपनी जीती हुई सीट शायद ही छोड़ना चाहे।दलित, जाट और मुस्लिम के सहारे जयंत
इस सबके इतर जयंत चौधरी ने अपना अलग प्लान बनाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति की समझ रखने वाले पत्रकार डा. अनिल चौधरी का कहना है कि जयंत चौधरी को लंबे राजनीतिक भविष्य को लेकर सोचना है तो वह एनडीए के साथ नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ जाने का मतलब पार्टी का वजूद खोना, जयंत चौधरी शायद ही ऐसा करें। उनका कहना है कि जयंत ने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के साथ लंबी राजनीति के मद्देनजर गठजोड़ किया है। जयंत यह बखूबी जानते हैं कि अगर जाट मतदाताओं के साथ मुस्लिम और दलितों का साथ मिला तो कई सीटों पर रालोद की जीत तय है। और पढ़ें - सुभासपा के बाद अब दारा सिंह ने सपा को दिया झटका, भाजपा में की वापसी12 सीटों पर किया दावा
ताजा खबर यह है कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में 12 सीटों पर दावा किया है। पार्टी का कहना है कि जातिगत गणित के लिहाज से उसे 12 सीट मिलनी चाहिए। उधर, इस पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सपा का एतराज न भी हो तो कांग्रेस जरूरत अपना पक्ष रख सकती है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश कांग्रेस को इस बार अधिक उम्मीद है।और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें
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