No Flying Zone In India: जब किसी को भी कहीं दूर की यात्रा करनी होती है तो कई बार लोग हवाई जहाज से यात्रा करना पसंद करते हैं. वहीं, भारत में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने आज तक हवाई जहाज की यात्रा नहीं की होगी. अगर बात करें नो फ्लाइंग जोन की तो सबने कभी न कभी जरूर सुना होगा कि किसी देश की XYZ जगह पर 'नो फ्लाइंग जोन' बना है. जिसका मतलब होता है कि किसी भी सूरत में कोई भी उस जगह के ऊपर से प्लेन को नहीं उड़ा सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां पर सरकार द्वारा नो फ्लाइंग जोन बनाया गया है. जहां से प्लेन उड़ाने पर सख्त रोक लगी है. आज हम इस खबर में आपको बताएंगे कि भारत की वो कौन सी जगहें हैं जो नो प्लाइंग जोन में आती हैं.
क्यों बनाया जाता है नो फ्लाइंग जोन?
दरअसल, नो फ्लाइंग जोन को बनाने के पीछे सरकार का एक मकसद साफ होता है वहां की सुरक्षा. आमतौर पर नो फ्लाइंग जोन नियम को सुरक्षा, किसी तरह का कोई खास सरकारी काम, कुछ धार्मिक वजहें या फिर इसमें कोई वैज्ञानिक कारण भी शामिल हो सकते हैं. इसलिए चाहे प्लेन कितने भी एडवांस क्यों न हों, इन खास जगहों के ऊपर उड़ाने की अनुमति किसी को नहीं मिलती है.
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नो फ्लाइंग जोन बनाने के पीछे सरकार का एक मकसद ये भी होता है कि वहां रहने वाले लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. इसके अलावा उस जगह के आस-पास रहने वाले लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता है. इन जगहों पर उड़ान भरने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाती है जिससे किसी भी खतरे या दुर्घटना से बचा जा सके.
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आइए जानते हैं कि आखिर भारत में 5 वो जगहें कौन सी हैं जहां भारत सरकार द्वारा नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है.
- राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
- तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश
- ताजमहल, आगरा, उत्तर प्रदेश
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई, महाराष्ट्र
- सेंट्रल दिल्ली में संसद
राष्ट्रपति भवन के ऊपर नहीं उड़ा सकते प्लेन
दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति का सरकारी निवास भारत के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक माना जाता है. सरकार द्वारा राष्ट्रपति की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए राष्ट्रपति भवन के ऊपर के पूरे क्षेत्र में हमेशा के लिए नो-फ्लाइंग जोन बनाया गया है. जिसका मतलब है कि इस जगह पर किसी भी तरह के प्लेन, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को उड़ाने की इजाजत नहीं है. भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का सीधा असर राष्ट्रपति और सरकारी ऑफिस पर होने वाले किसी भी तरह के हवाई खतरे से बचने और उनकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. कभी भी अगर कोई बिना इजाजत के यहां उड़ता हुआ दिखाई देता है तो सुरक्षा एंजेसियों द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है.
तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में हर दिना लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इन सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए और यहां पर दर्शन करने आने वालों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए भारत सरकार द्वारा नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. नो फ्लाइंग जोन होने से ऊपर से होने वाले किसी भी हवाई हमले से बचा जा सकता है.
नो फ्लाइंग जोन में ये 'महल' भी
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और दुनिया की सबसे मशहूर इमारतों में से एक है. इसके ऊपर से किसी भी विमान को उड़ने की अनुमति नहीं है. सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला ताजमहल आने वाले यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए और किसी हवाई खरते को रोकने के लिए लिया गया है.
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भी नो फ्लाइंग जोन में शामिल
BARC के ऊपर का इलाका अपने आप में एक हाई-सिक्योरिटी जोन है. यहां किसी भी तरह का विमान उड़ाने की अनुमति नहीं होती है. यहां न्यूक्यिलर से जुड़े काम, रिसर्च और देश की सुरक्षा से जुड़े बेहद संवेदनशील सिस्टम होते हैं. अगर कोई विमान गलती से भी यहां उड़ जाए तो बड़ा खतरा हो सकता है. इसलिए भी इस इलाके के ऊपर उड़ान को हमेशा के लिए बंद रखा जाता है.
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संसद भवन, नई दिल्ली
सेंट्रल दिल्ली में स्थित संसद भवन प्रधानमंत्री का घर, मंत्रालयों के दफ्तर और कई अहम सुरक्षा से जुड़ी जगहें हैं. जिसके कारण ही इस इलाके के ऊपर उड़ान भरने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है. दरअसल, देश के सबसे बड़े नेता सभी जरूरी फैसलों पर इसी जगह पर चर्चा करते हैं, इसलिए इस जगह की सुरक्षा कड़ी है. किसी भी तरह का प्लेन, ड्रोन यहां पर नहीं उड़ सकता है.