Republic Day पर ‘बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी’ में इस बार बजेगी एक खास धुन, आपने सुनी क्या?
गणतंत्र दिवस पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं।
Republic Day Beating The Retreat Ceremony: 26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। दिल्ली में कर्तव्य पथ पर परेड की रिहर्सल पिछले कई दिनों चल रही है। 26 जनवरी की सुबह साढ़े 9 बजे विजय चौक से परेड शुरू होगी। यह परेड राजपथ होते हुए नेशनल स्टेडियम दिल्ली में खत्म होगी।
गणतंत्र दिवस के लिए राष्ट्रपति भवन, विजय चौक, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स को सजाया गया है। परेड के तीसरे दिन रायसीना हिल्स पर बीटिंग द रिट्रीट (Beating The Retreat) सेरेमनी' होगी। परेड से लेकर रिट्रीट सेरेमनी तक इस बार सशस्त्र बलों का मार्शल संगीत बजाया जाएगा, आप भी सुनिए।
इस बार क्यों खास रिट्रीट सेरेमनी?
75वें गणतंत्र दिवस की परेड इस बार काफी स्पेशल होगी, क्योंकि इसमें पूर्वोत्तर की 45 NCC कैडेट्स का बैंड भी पहली बार शामिल होगा। परेड में तीनों सेनाओं, पैरामिलिट्री फोर्स, सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज, राज्य पुलिस, स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स, NCC-NSS कैडेंट्स मार्च पास्ट करते हैं।
गणतंत्र दिवस पर होने वाली द बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भी स्पेशल है, क्योंकि पहली बार तीनों सेनाओं का महिला दस्ता भी इसममें शिरकत करेगा। इसका मतलब यह है कि इस बार रिट्रीट सेरेमनी स्वदेशी होगी। वहीं सेरेमनी में शामिल होने वाला महिलाओं का दस्ता तीनों सेनाओं का संयुक्त दल होगा। इंडियन आर्मी की महिला ऑफिसर इस दस्ते की अगुवाई करेंगी।
भारत में 1950 से की जा रही सेरेमनी
दिल्ली के विजय चौक पर हर साल गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन होने वाली ‘बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी’ गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की सूचक है। सेरेमनी में तीनों सेनाओं के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। रायसीना हिल्स में राष्ट्रपति भवन के सामने सेरेमनी होती है। 26 जनवरी को परेड और गणतंत्र दिवस समारोह जैसे यह सेरेमनी भी देखने की होती है। 'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी' गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के बाद तीनों सेनाओं की बैरक वापसी का प्रतीक है। पूरी दुनिया में यह परंपरा अपने-अपने तरीके से निभाई जाती है। भारत में रिट्रीट सेरेमनी का आगाज 1950 के दशक में हुआ था।
क्या होता है रिट्रीट सेरेमनी में?
रिट्रीट सेरेमनी के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होते हैं। विजय चौक पर कार्यक्रम में जैसे ही राष्ट्रपति आते हैं, उन्हें नेशनल सैल्यूट किया जाता है। इस दौरान राष्ट्रगान होता है। तिरंगा फहराया जाता है। इसके बाद तीनों सेनाओं के बैंड पारंपरिक धुनों पर मार्च करते हैं। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है। बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं। राष्ट्रपति उन्हें बैंड वापस ले जाने की परमिशन देते हैं, जिसके बाद गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। बैंड वापस जाते समय 'सारे जहां से अच्छा' धुन बजाते हैं।
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