34 हजार रुपये दो, पूरा थाना किराये पर लो; इंस्पेक्टर से दोगुना है ट्रेंड कुत्ते का रेट
Police station on rent in kerala: आप सिर्फ 34 हजार रुपये देकर पुलिस इंस्पेक्टर को अपनी रखवाली के लिए रख सकते हैं। साथ में आपको इस राशि से पुलिस का ट्रेंड किया गया कुत्ता भी मिलेगा। चौंकिए मत, ये सब अब केरल में देखने को मिल रहा है। इस रकम में वायरलेस उपकरण की सेवा लेने के साथ ही आप एक दिन के लिए थाने के मालिक भी आप बन सकते हैं। आप थाने में आकर जो मर्जी कीजिए, कोई आपको कुछ नहीं कहेगा। जी हां, अब आप इस राशि से पूरे थाने को किराये पर ले सकते हैं।
इस सबका खुलासा एक सरकारी आदेश से हुआ है। जिसका 'रेट कार्ड' बता रहा है कि आपको सर्कल इंस्पेक्टर के अधिकारी को काम पर रखने के लिए 3035 से 3340 रुपये की राशि खर्च करने की जरूरत है। इतना ही नहीं, एक सिविल पुलिस अधिकारी की सेवाओं को लेने के लिए आपको सिर्फ 610 रुपये खर्च करने की जरूरत है।
अगर ट्रेंड कुत्ते की सेवाएं लेना चाहते हैं, तो 7280 रुपये प्रति दिन के हिसाब से खर्चा करना होगा। इसके अलावा वायरलेस उपकरण के लिए 12130 रुपये प्रति दिन का किराया तय किया गया है। सिर्फ 12 हजार रुपये खर्च करके पूरे पुलिस स्टेशन को किराये पर लिया जा सकता है।
फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी उठाए सवाल
रेट कार्ड में ये कहीं नहीं बताया गया है कि आखिर एक इंस्पेक्टर के बजाय कुत्ते की सेवाओं के लिए ज्यादा खर्च क्यों करना होगा। पुलिस स्टेशन और वायरलेस के किराये की दरें समान क्यों हैं। वहीं, सरकार के आदेशों को लेकर कुछ अधिकारी भी नाखुश बताए जा रहे हैं। जिनके अनुसार सरकार की संभावित ग्राहकों की सूची में प्राइवेट पार्टीज, एंटरटेनमेंट और फिल्म शूटिंग से जुड़े लोग शामिल हैं।
लेकिन कुछ फिल्म कंपनियां और निजी प्रोग्राम आयोजित करने वालीं बड़ी फर्में अधिक डेवलप हो चुकी हैं। जिनको पुलिस और उनके उपकरणों को हायर करने की जरूरत शायद ही पड़े। प्रदेश की संपत्ति को किराये पर देने के आदेश भी कहीं न कहीं नैतिक तौर पर सवालों के घेरे में आते हैं।
फिल्मी दुनिया से जुड़े लोग भी मानते हैं कि पब्लिक प्लेस या संवेदनशील इलाकों में शूटिंग के समय वे पुलिस पर निर्भर रहते हैं। जब वे लोग पहले ही पुलिस पर निर्भर हैं, तो ऐसे आदेशों का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
अधिकारी संघ पहले ही जता चुका है विरोध
बीते साल की ही बात करें, तो कन्नूर के नामी व्यक्ति की बेटी की शादी में चार पुलिस अफसरों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसके बाद अधिकारी संघ ने फैसले का विरोध किया था। संघ के एक पदाधिकारी ने सवाल किया था कि इस तरह से पुलिस की छवि को किसी प्रदर्शन या धूमधाम के लिए उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता है।
यह उस एसओपी का उल्लंघन है, जो सरकार की ओर से जारी की गई है। यदि एसओपी को नहीं माना जाता है, तो थाने में ही विवाह समारोह संपन्न करवाया जा सकता है। जहां पुलिस शादी में शामिल लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगी।
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