Delhi Services Bill: कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा से दिल्ली सर्विस बिल पास हो गया। इस विधेयक पर राज्यसभा में वोटिंग कराई गई। वोटिंग के दौरान मशीन खराब हो गई। इसके बाद पर्ची से वोट डाले गए। वोटिंग के बाद मतों की गिनती की गई। 131 वोट बिल के समर्थन में पड़े। जबकि 102 सांसदों ने दिल्ली सर्विस बिल के विरोध में वोट किया।
बिल अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा। इससे पहले लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल 3 अगस्त को पेश किया गया था और उसी दिन पास हुआ था।
शाह ने कहा था- विपक्ष इस बिल को गिराकर दिखाए
इससे पहले चर्चा के दौरान विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोरदार तंज कसा। उन्होंने विपक्ष को चैंलेंज किया कि इस बिल को गिराकर दिखाओ। 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे।
ऐसा है राज्यसभा का गणित
NDA- 110
INDIA- 99
अन्य- 29
खाली सीटें- 07
कुल सांसद- 245
बहुमत- 120
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर ने पहले ही केंद्र सरकार के समर्थन का ऐलान किया था। दोनों पार्टियों के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं। इन्हें मिलाकर भाजपा को 128 सांसदों का समर्थन मिला। माना जा रहा है कि तीन अन्य सांसदों ने समर्थन किया। जिससे आसानी से यह बिल पास हो गया।
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आप ने जारी किया था व्हिप
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। आप सांसद राघव चड्ढा, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर और नसीर हुसैन ने राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 267 नियम के तहत नोटिस दिया है।
राघव चड्ढा बोले- नेहरूवादी मत बनिए
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि ये बिल एक राजनीतिक धोखा है। गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि पंडित नेहरू दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के पक्ष में नहीं थे। मैं बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में बिल लेकर आए थे। ये बिल लाकर उनके संघर्ष का अपमान कर रहे हैं।
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