TrendingInd Vs AusIPL 2025UP Bypoll 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Rajya Sabha चुनाव 2024 में इतनी क्यों हो रही भाजपा और उसके उम्मीदवारों की चर्चा?

Rajya Sabha Election 2024 BJP Candidates: राज्यसभा चुनाव 2024 में भाजपा और उसके उम्मीदवारों की काफी चर्चा हो रही है। आखिर क्यों, पढ़ें ये स्पेशल रिपोर्ट...

भाजपा ने जारी की छठी लिस्ट
दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार Rajya Sabha Election 2024 BJP Candidates: देश में राज्यसभा चुनाव 2024 की दुंदुभि बज चुकी है। सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दावेदार मैदान में उतार दिए हैं, लेकिन चर्चा केवल भारतीय जनता पार्टी की हो रही है। उसके उम्मीदवारों की हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी अपने फैसलों से सबको चौंकाती है। भाजपा के जिन बड़े कद के नेताओं को लोकसभा चुनाव के जरिए संसद पहुंचाने की चर्चा थी, उनमें से ज्यादातर राज्यसभा के जरिए संसद पहुंचने वाले हैं। हमेशा से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचने वाली कांग्रेस की सर्वे-सर्वा सोनिया गांधी ने भी इस बार राज्यसभा का दरवाजा खटखटाया है।   भाजपा ने मंत्री-सांसदों को लड़वाया था विधानसभा चुनाव चूंकि, राज्यसभा चुनाव में ज्यादातर सीटें फिक्स होती हैं, इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही जीत भी लगभग तय हो जाती है। केवल प्रमाण पत्र मिलना बाकी रहता है। तय तारीख पर वह भी आ जाता है। यह बेहद सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इस बार चर्चा ज्यादा इसलिए हो रही है, क्योंकि लोकसभा चुनाव सामने हैं। चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कई केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव लड़वाया था। उनमें से ज्यादातर जीते और उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। राजस्थान से सांसद रहीं दीया कुमारी नई-नवेली सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनी हैं। प्रह्लाद पटेल जैसे कद्दावर नेता मध्य प्रदेश में मंत्री हैं।   भाजपा इन सभी नेताओं को पहुंचा रही राज्यसभा तक विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने सांसदों-मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारा तो उससे लोगों ने आंकलन लगाना शुरू कर दिया कि इस बार राज्यसभा में भी नए चेहरे सामने आएंगे और स्थापित कद्दावर नेताओं को लोकसभा के जरिए संसद में लाया जाएगा। एक-एक करके जब राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची सामने आने लगी तो पता चला कि केन्द्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ओडिशा से, अपने तर्कों से बड़ी से बड़ी समस्या की काट रखने वाले डॉ सुधांशु त्रिवेदी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंच रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर अगले दिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले महाराष्ट्र के पूर्व CM अशोक चव्हाण भी भाजपा कोटे से राज्यसभा पहुंच रहे हैं। इस दल से जहां कई बड़े चेहरे राज्यसभा पहुंचने जा रहे हैं, वहीं कई ऐसे लोगों को भी भाजपा ने राज्यसभा भेजने की तैयारी की है, जो कहीं से किसी रूप में चर्चा में ही नहीं थे। उत्तर प्रदेश से अमर पाल मौर्य हों या मध्य प्रदेश से उमेश नाथ महराज, इन नेताओें को राज्यसभा की देहरी तक पहुंचाकर भाजपा ने चौंकाया है। उमेश नाथ महाराज वाल्मीकि समाज से आते हैं तो अमर नाथ मौर्य पिछड़ा वर्ग से। इसी तरीके से राज्यसभा पहुंचने वाले अन्य माननीय विभिन्न जाति समूहों से आते हैं और सबके सब प्रतीक हैं।   भाजपा ने भारत रत्न देकर भी चौंकाया था सभी को वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ल के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी का इतिहास गवाह है कि वह हमेशा से चौंकाती रही है। उत्तर प्रदेश में जब राम प्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री बने, तब भी लोग चौंके और आज कुमार विश्वास राज्यसभा नहीं पहुंच पा रहे हैं, तब भी लोग चौंक रहे हैं। मीडिया की बात मानते तो कवि कुमार विश्वास अब तक राज्यसभा में होते। संभव है कि भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ा दे। वर्तमान भाजपा मोदी की देख-रेख में पुष्पित-पल्लवित हो रही है, जो भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी चौंकाती है, राज्यसभा उम्मीदवार तो कहीं ठहरते ही नहीं। वे कहते हैं कि पूरे देश में भाजपा की राज्यसभा चुनाव उम्मीदवारों की सूची देखने से पता चलता है कि हर जाति समूहों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश हुई है। ऐसे लोगों को सामने लेकर आए हैं, जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे संसद बनेंगे।  

2 नेताओं को छोड़कर कोई बड़ा नाम नहीं, न ही चर्चित

बृजेश की बात को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि भाजपा अब हर कदम चुनावी दृष्टि से उठाती है। पार्टी और सनातन संस्कृति को देखकर उठाती है। राज्यसभा चुनाव में भी यही हुआ है। जहां तक बड़े नामों की बात है तो केवल सुधांशु त्रिवेदी और अश्विन वैष्णव को छोड़ कोई भी ऐसा नाम नहीं है, जिसे बड़ा कहा जाए। हां, इनकी चर्चा लोकसभा चुनाव को लेकर जरूर सुनाई दे रही थी, पर वह केवल चर्चा ही थी। सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं था। भाजपा ने सबकी भूमिका तय कर रखी है। अगर सुधांशु त्रिवेदी जैसा व्यक्ति लोकसभा चुनाव में उलझकर जन समस्याओं के निस्तारण में लग जाएगा तो वह काम कमजोर पड़ जाएगा, जो सुधांशु त्रिवेदी वर्षों से करते आ रहे हैं। अश्विन वैष्णव अभी जिस तरीके से अपने मंत्रालयों में परफ़ॉर्म कर रहे हैं, वह लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के बाद नहीं कर पाएंगे। वे कहते हैं कि जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा के जरिए संसद पहुंचने वाली हैं तो बाकी किसी नेता की चर्चा ही बेमानी है। वे तो अब तक लोकसभा की ही सदस्य रही हैं।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.