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Raisina Dialogue: 8वें संस्करण का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, दिल्ली पहुंची चीफ गेस्ट पीएम मेलोनी

Raisina Dialogue: रायसीना डायलॉग की चीफ गेस्ट इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी दिल्ली पहुंच गई हैं। बता दें कि अक्टूबर 2022 में प्राइम मिनिस्टर बनने के बाद वो पहली बार भारत आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को रायसीना डायलाॅग के 8वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 2 से 4 मार्च तक नई दिल्ली […]

Raisina Dialogue 2023
Raisina Dialogue: रायसीना डायलॉग की चीफ गेस्ट इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी दिल्ली पहुंच गई हैं। बता दें कि अक्टूबर 2022 में प्राइम मिनिस्टर बनने के बाद वो पहली बार भारत आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को रायसीना डायलाॅग के 8वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 2 से 4 मार्च तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। 3 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 100 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बता दें कि पिछले साल हुए इस कार्यक्रम में 90 देशों प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

इटली की प्रधानमंत्री होंगी मुख्य अतिथि

इस कार्यक्रम में इटली की प्रधानमंत्री जिर्योजियो मेलोनी मुख्य अतिथि होंगी। बता दें कि भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। इस बार रायसीना डायलाॅग की थीम उकसावा, अनिश्चितता, संकट और तूफान और जलता दीया है। विदेश मंत्रालय की मानें तो इस कार्यक्रम में 100 देशों के मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख,सैन्य कंमाडर, उद्योग के कप्तान, टेक्नोलाॅजी लीडर, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ, पत्रकार और रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल होंगे। बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित करवाता है। इस समारोह की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेजर ग्लोबल सम्मेलन के रूप में हुई है।

अब जानिए क्या है रायसीना डायलाॅग

रायसीना डायलाॅग की शुरूआत साल 2016 में हुई थी। यह दुनिया के अलग-अलग देशों का एक मंच है जहां वैश्विक हालात और चुनौतियों पर एक सार्थक चर्चा की जाती है। इसका आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से करवाता है। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्री हिस्सा लेते है। 2016 के बाद से अब तक इसमें हिस्सा लेने वाले सदस्य देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।


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