Rahul Gandhi Declaration Form Update: राहुल गांधी को वोटर लिस्ट में धोखाधड़ी किए जाने के दावों को सही साबित करने के लिए एक हलफनामा साइन करके देना है, लेकिन राहुल गांधी का कहना है कि वे हलफनामा साइन नहीं करेंगे, क्योंकि डेटा उनका नहीं है, बल्कि चुनाव आयोग का डेटा है। राहुल गांधी ने कहा कि उस डेटा को वेबसाइट पर डालेंगे तो सच पता चल जाएगा। यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है और अभी डेटा फटेगा, अभी बवाल मचेगा।
राहुल गांधी ने BJP को बताया डरपोक
राहुल गांधी ने कहा है कि 300 सांसद चुनाव आयोग से मिलना चाहते थे। चुनाव आयुक्त को एक डॉक्यूमेंट सौंपना चाहते थे, लेकिन सांसदों को चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाने नहीं दिया गया। इससे साफ है कि वे डरे हुए हैं। उन्हें डर है कि अगर 300 सांसद चुनाव आयोग तक पहुंच गए और उनकी सच्चाई सभी के सामने आ गई और तब क्या होगा? यह लड़ाई अब राजनीतिक लड़ाई नहीं रही है, बल्कि संविधान और एक व्यक्ति एक वोट के लिए लड़ाई है।
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राहुल गांधी को 3 राज्यों ने भेजे नोटिस
बता दें कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और BJP पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में 1 करोड़ नए मतदाता जोड़े गए और यह डेटा पिछले 5 साल की तुलना में असामान्य प्रतीत होता है। उन्होंने हरियाणा और बिहार में भी मतदाता सूची में हेरफेर होने के आरोप लगाए। लिस्ट से SC/ST, OBC और अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम हटाने का दावा किया।
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राहुल गांधी के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया और उनसे उनके दावों के समर्थन में दस्तावेज मांगे। हरियाणा और महाराष्ट्र CEO ने भी राहुल गांधी को नोटिस भेजे और मतदाता सूची में अनियमितताओं को लेकर किए गए दावों के सबूत मांगे। वहीं चुनाव आयोग ने भी एक नोटिस भेजकर राहुल गांधी से स्पष्टीकरण मांगा है।
कर्नाटक के CEO ने भेजा हलफनामा
बता दें कि मतदाता सूची में हेरफेर के दावों को लेकर मांगे गए सबूत पेश करने के लिए राहुल गांधी को हलफनामा भेजा गया है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह हलफनामा भेजा है, जिसमें मांगी गई जानकारियां भरकर साइन करके राहुल गांधी को देना है, लेकिन राहुल गांधी ने हलफनामे पर साइन करने से इनकार कर दिया है।
हलफनामे में रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स 1960 के नियम-20 के तहत शपथपत्र है। साथ ही RP एक्ट 1950 की धारा-31 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा-227 का जिक्र है। अगर राहुल गांधी यह हलफनामा भरकर साइन करके देते हैं तो वे धाराओं के दायरे में भी आ जाएंगे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।