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Manipur Violence: ‘जब PM मोदी देश में नहीं…’, मणिपुर हिंसा पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर राहुल ने साधा निशाना, ममता ने भी घेरा

Manipur Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि बैठक ऐसे समय बुलाई गई है, जब प्रधानमंत्री देश में नहीं हैं, क्योंकि यह उनके लिए महत्वपूर्ण […]

Manipur Violence(
Manipur Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि बैठक ऐसे समय बुलाई गई है, जब प्रधानमंत्री देश में नहीं हैं, क्योंकि यह उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। पीएम मोदी 24 जून तक संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर कटाक्ष किया। उन्होंने लिखा कि मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं। स्पष्ट रूप से, यह बैठक प्रधान मंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

ममता बोलीं- अब बहुत देर हो चुकी है

उधर, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी सर्वदलीय बैठक को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है, मणिपुर जल रहा है। मणिपुर के लोग मुसीबत में है। सेंट्रल फोर्स की मौजूदगी में मंत्री का घर जल रहा है। यह पूरी तरह विफलता है, उन्होंने बैठक बुलाई है इसलिए पार्टी की ओर से डेरेक ओ ब्रायन जाएंगे।

पिछले महीने शाह ने किया था मणिपुर का दौरा

गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। शाह ने पिछले महीने हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया था। उन्होंने हिंसा को समाप्त करने के लिए मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें की थीं। हालांकि, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ।

तीन मई से जारी हिंसा, अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार हिंसा भड़क उठी। तब से अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। यह भी पढ़ें: Opposition Meet: अगर कांग्रेस ने समर्थन नहीं किया तो, विपक्षी एकता बैठक से पहले AAP ने दिया अल्टीमेटम


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