हमास से हिजबुल्लाह तक…दुनियाभर के आतंकी समूहों को फंड मुहैया कराता आतंकियों का आका कतर, कैसे हैं भारत के संबंध?
Qatar India Relations From Hamas to Hezbollah Qatar provides funds to terrorist groups: कतर पूरी दुनिया में अपने आतंकवादी समर्थक रवैया को लेकर बदनाम है। ये ऐसा मुस्लिम देश है, जो इस्लाम के नाम पर दुनिया के लगभग सभी आतंकी समूहों को धन मुहैया कराता है। ये दूसरे मुस्लिम देशों की तरह आतंकवादी समूहों में शिया या फिर सुन्नी में भेदभाव नहीं करता। कतर से धन पाने की एकमात्र योग्यता मुस्लिम होना और आतंकवादी कार्यों में शामिल होना है।
कतर ने गुरुवार को ही जासूसी के आरोप में भारत के आठ नागरिकों को फांसी की सजा सुनाई है। कतर का आरोप है कि अलजाइरा अलआलमी कंसल्टेंसी एंड सर्विसेज के नाम पर काम करने वाले इन पूर्व नौसैनिक अधिकारियों ने कुछ संवेदनशील जानकारी इजराइल को लीक की थी।
किन आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराता है कतर?
बता दें कि इजराइल और कतर, कट्टर दुश्मन है, इसलिए कतर आतंकी संगठन हमास और हिजबुल्लाह का समर्थन करता है और उन्हें धन मुहैया कराता है। कहा जाता है कि कतर पूरी दुनिया में आतंकी समूहों को धन मुहैया कराने वाला सबसे बड़ा फाइनेंसर है। कतर पूरी दुनिया के आतंकी समूहों को पैसा बांटता है। इसमें हमास, हिजबुल्लाह, अलकायदा, इस्लामिक स्टेट, मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे आतंकी संगठन शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर आतंकी समूहों को इसलिए धन मुहैया कराता है, ताकि वो खुद को पूरी दुनिया में खुद को इस्लामिक देशों का सबसे बड़ा आका घोषित कर सके। कतर की सऊदी अरब के साथ पुरानी दुश्मनी है। सऊदी अरब को पूरी दुनिया में इस्लामिक देशों में सबसे मजबूत माना जाता है और कतर को इसी बात से चिढ़ है।
आतंकियों के आका कतर का विरोध क्यों नहीं कर पाता दुनिया का कोई देश?
पूरी दुनिया के अन्य देश जानते हैं कि कतर आतंकी समूहों का हितैषी है, इसके बावजूद कोई भी देश, कतर के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलता। इसका सबसे बड़ा कारण कतर की भगौलिक स्थिति है और उसके जमीन के नीचे अरबों-खरबों रुपये के दबे गैस हैं। कतर आकार में काफी छोटा देश है, लेकिन इसके विदेशी मुद्रा का भंडार 64.56 अरब डॉलर से भी ज्यादा का है। कतर के पास दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार है। कतर इसका इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में भी करता है।
कतर में अमेरिका की मिलिट्री बेस भी है, इसी कारण अमेरिका भी चाहकर भी कतर का विरोध नहीं कर पाता। कहा जाता है कि अगर कोई देश, कतर का विरोध करता भी है तो अमेरिका उसे अपनी ताकत के दम पर चुप करा देता है।
भारत और कतर के बीच कैसे हैं संबंध?
भारत और कतर के रिश्ते काफी अच्छे हैं। भारत अपनी आवश्यकता का करीब 90 फीसदी गैस कतर से ही आयात करता है। इसके अलावा कतर की कुल 25 लाख की आबादी में 6.5 लाख भारतीय हैं। ये भारतीय कतर में काम करके अपने देश को भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा भेजते हैं। ये भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में योगदान देता है। कतर में भारत का एक दूतावास है, जबकि कतर का दिल्ली में दूतावास और मुंबई में एक वाणिज्य दूतावास है। भारत और कतर के बीच राजनीतिक संबंध 1973 में स्थापित हुए थे।
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