Police Officer Killed in Manipur, Shot By Militants Inspecting Helipad: पिछले कई महीनों से हिंसाग्रस्त मणिपुर से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां मोरेह उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) चिंगथम आनंद एक सीमावर्ती शहर में नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान उग्रवादियों ने घात लगाकर उन पर फायरिंग कर दी। घटना के बाद मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने दुख जताते हुए इसे नृशंस हत्या करार दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना के बाद पुलिस ने उग्रवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में व्यापक तौर पर अभियान शुरू कर दिया है। वारदात पर दुख जताते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि चिंगथम आनंद की 'नृशंस हत्या' से दुखी हैं।
सीएम बीरेन सिंह ने जताया दुख
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आज सुबह मोरेह पुलिस के ओसी, एसडीपीओ चिंगथम आनंद की निर्मम हत्या से बहुत दुखी हूं। लोगों की सेवा और सुरक्षा के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह घटना कई नागरिक समाज संगठनों, खासकर मोरेह स्थित संगठनों के सदस्यों की ओर से सीमावर्ती शहर से राज्य बलों को हटाने की मांग के कुछ दिनों बाद हुई है।
3 मई से शुरू हुईं थी राज्य में हिंसा की घटनाएं
मणिपुर में 3 मई को चुराचांदपुर शहर में पहली बार हुई झड़प के बाद व्यापक पैमाने पर हिंसा देखी गई है। ये झड़पें आदिवासी समूहों द्वारा राज्य के आरक्षण मैट्रिक्स में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद हुईं। इसमें मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया था।हिंसा तेजी से पूरे राज्य में फैल गई। बताया जाता है कि राज्य में कम से कम 175 लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। लोगों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जला दिया गया।
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