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महिला… मातृभाषा और मंच…, पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में इन 10 बड़ी बातों का किया जिक्र

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अपने रेडिया पोडकास्ट कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 104वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता में देश की महिला वैज्ञानिकों के योगदान से लेकर जी20 में सम्मेलन में भारत की भूमिका और गौरवशाली भाषा की बात की। उन्होंने हर बार की तरह […]

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अपने रेडिया पोडकास्ट कार्यक्रम 'मन की बात' के 104वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता में देश की महिला वैज्ञानिकों के योगदान से लेकर जी20 में सम्मेलन में भारत की भूमिका और गौरवशाली भाषा की बात की। उन्होंने हर बार की तरह इस बार भी देश को एक नया ऊर्जा प्रवाह देने का प्रयास किया। आइए 10 मुख्य बिंदुओं में जानते हैं इस बात 'मन की बात' की खास बातें।
  • पीएम मोदी ने इस बार मन की कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रयान की सफलता से की। कहा, 23 अगस्त को भारत और चंद्रयान-3 ने ये साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज, चांद पर भी उगते हैं। उन्होंने कहा कि मिशन चंद्रयान नए भारत के उस भाव का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और हर हाल में जीतना जानता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का जीवंत उदाहरण है। इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। इन्होंने अलग-अलग विभागों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर और प्रोजेक्ट मैनेजर जैसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं।
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  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। पीएम ने कहा कि किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उस देश को विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है। आज हमारे सपने और हमारे प्रयास बड़े हैं। चंद्रयान-3 की सफलता में हमारे वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे सेक्टरों की भी अहम भूमिका रही है। तमाम पार्ट्स और तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में कितने ही देशवासियों ने योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जब सबका प्रयास लगा, तो सफलता भी मिली। यही चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी सफलता है।
  • मोदी ने कहा कि अगला महीने सितंबर भारत के नए सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। जी20 लीडर्स समिट के लिए देश पूरी तरह से तैयार है। पीएम ने कहा कि जी20 समिट के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। अपनी प्रेसीडेंसी के दौरान भारत ने जी20 को और ज्यादा समावेशी मंच बनाया है। भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रिकन यूनियन भी जी20 से जुड़ी। इसके बाद अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम मंच तक पहुंची।
  • भारत के 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब-करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया। जी20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधि जहां भी गए, वहां लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
  • पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों पहले चीन में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स हुए थे। इन खेलों में इस बार भारत बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। हमारे खिलाड़ियों ने कुल 26 पदक जीते, जिनमें से 11 गोल्ड मेडल थे। पीएम मोदी ने कहा कि आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 1959 से लेकर अब तक जितने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स हुए हैं, उनमें जीते सभी मेडल्स को जोड़ दें तो भी ये संख्या 18 तक ही पहुंचती है।
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  • इस बार 15 अगस्त पर देश ने 'सबका प्रयास' का एक अनोखा सामर्थ्य देखा गया है। सभी देशवासियों के प्रयास ने 'हर घर तिरंगा अभियान' को वास्तव में 'हर मन तिरंगा अभियान' बना दिया। तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने नया रिकॉर्ड बना दिया है।
  • डेढ़ लाख पोस्ट ऑफिसेस के जरिए करीब डेढ़ लाख तिरंगे बेचे गए। इससे हमारे कामगारों, बुनकरों और खासकर महिलाओं की सैकड़ों करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने नया रिकॉर्ड बना दिया। पिछले साल 15 अगस्त तक करीब 5 करोड़ देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट की थी। इस बार ये संख्या 10 करोड़ को भी पार कर गई है।
  • पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में संस्कृत भाषा को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है। संस्कृत अपनी प्राचीनता के साथ-साथ वैज्ञानिकता और व्याकरण के लिए भी जानी जाती है। भारत का प्राचीन ज्ञान हजारों वर्षों तक संस्कृत भाषा में ही संरक्षित और सुरक्षित किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है। कहा कि इसके पीछे बीते वर्षों में देश का विशेष योगदान भी है। तीन संस्कृत डीम्ड यूनिवर्सिटी को साल 2020 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाया गया। अलग-अलग शहरों में संस्कृत विश्वविद्यालयों के कई कॉलेज और संस्कृत भी चल रहे हैं। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में संस्कृत केंद्र काफी प्रचलित हो रहे हैं।
  • मोदी ने कहा कि संस्कृति से जुड़ने की परंपरा का बहुत बड़ा सशक्त माध्यम हमारी मातृभाषा होती है। जब हम अपनी मातृभाषा से जुड़ते हैं, तो हम सहज रूप से अपनी संस्कृति, अपने संस्कारों, अपनी परंपराओं और अपने चिर पुरातन भव्य वैभव से जुड़ जाते हैं। ऐसे ही भारत की एक और गौरवशाली मातृभाषा है 'तेलुगू'। पीएम मोदी ने कहा कि 29 अगस्त को तेलुगू दिवस मनाया जाएगा। आप सभी को तेलुगू दिवस की बहुत-बहुत बधाई। तेलुगू भाषा के साहित्य और विरासत में भारतीय संस्कृति के कई अनमोल रत्न छिपे हैं। तेलुगू की इस विरासत का लाभ पूरे देश को मिले, इसके लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं।
  • आज ऐसे बहुत से लोग हैं, जो डेयरी को अपना कर इसे विविध कर रहे हैं। राजस्थान के कोटा में डेयरी फार्म चला रहे अमनप्रीत सिंह के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। उन्होंने डेयरी के साथ बायोगैस पर भी काम किया। दो बायोगैस प्लांट लगाए। इससे बिजली पर होने वाला उनका खर्च करीब 70 फीसदी कम हो गया। इनका यह प्रयास देशभर के डेयरी फार्म्स को प्रेरित करने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि ये काम उत्साहित करने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि देशभर में इस तरह के ट्रेंड्स जारी रहेंगे।
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