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‘न वो खुद कुछ करेंगे, न किसी को कुछ करने देंगे’, पीएम मोदी का विपक्ष पर निशाना

अमर देव पासवान, कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रविवार यानी आज पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि भारत, जो विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, अपने अमृत काल की शुरुआत में है। नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और नए […]

अमर देव पासवान, कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रविवार यानी आज पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि भारत, जो विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, अपने अमृत काल की शुरुआत में है। नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और नए संकल्प हैं और इसी भावना के साथ, भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।

पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त वह दिन है जब ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। महात्मा गांधी ने मंत्र दिया और भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता प्राप्त करने की दिशा में भारत के कदमों में नई ऊर्जा भर दी। आज इसी से प्रेरित होकर पूरा देश सभी बुराइयों के लिए 'भारत छोड़ो' कह रहा है। हर जगह एक ही आवाज है - भ्रष्टाचार, भारत छोड़ो। वंशवाद, भारत छोड़ो। तुष्टीकरण, भारत छोड़ो।'

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पीएम बोले- वे न खुद करेंगे, न करने देंगे

पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में विपक्ष का एक गुट आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। न वो खुद कुछ करेंगे, न किसी को कुछ करने देंगे। देश ने आधुनिक संसद भवन बनाया। संसद देश के लोकतंत्र का प्रतीक है। इसमें सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष का भी प्रतिनिधित्व है। लेकिन विपक्ष के इस गुट ने नए संसद भवन का विरोध किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने कर्तव्य पथ का पुनर्विकास किया लेकिन उन्होंने उसका भी विरोध किया। 70 वर्षों तक, उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने देश के शूरवीरों के लिए एक युद्ध स्मारक भी नहीं बनाया। जब हमने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से इसकी आलोचना करने में कोई शर्म नहीं आई।

प्रधानमंत्री बोले- हम सकारात्मक राजनीति की राह पर बढ़ रहे हैं

नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। हर भारतीय को इस पर गर्व है। लेकिन कुछ राजनीतिक दलों के किसी भी बड़े नेता ने कभी प्रतिमा का दौरा नहीं किया। लेकिन हम नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर एक मिशन के रूप में सकारात्मक राजनीति की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया का ध्यान भारत पर है। वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं- 1) भारतीयों को लाया गया लगभग 30 वर्षों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार, 2) पूर्ण बहुमत की सरकार ने बड़े फैसले लिए और चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए लगातार काम किया।

क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना?

बता दें कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के कुल 1309 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना है। योजना के तहत देश भर के रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय प्रतिष्ठानों के रूप में विकसित करने का भी काम तेजी से चल रहा है। इस योजना के तहत देश के तीन स्टेशनों का काम पूरा हो चुका है। इसमें मध्यप्रदेश का रानी कमलपति रेलवे स्टेशन, कर्नाटक के बेंगलरु का सर एम विश्ववेस्वारैया टर्मिनल स्टेशन और गुजरात का गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन शामिल है।

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पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों पर विकसित की गईं अत्याधुनिक सुविधाएं

पुनर्विकसित किए गए इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिये अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसी तरह की सुविधाएं देश के अन्य स्टेशनों पर भी यात्रियों को जल्द मिलने लगेंगी। देशभर के 508 स्टेशनों के नवीनीकरण वाली इस योजना के लिए रविवार को कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद रहे। रेलवे अधिकारियों ने केंद्र सरकार के नए भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी के अनुसार, देश का रेल नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्क में से एक है। पिछले 9 वर्षों से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत आधारभूत ढांचे, तकनीक और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों की पुनर्सज्जा, नई रेलवे लाइनें बिछाने, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण और यात्रियों एवं परिसंपत्तियों की संरक्षा को बढ़ाने जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं।

24 हजार 470 करोड़ है पुनर्विकास परियोजना की लागत

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा है कि पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ होगी। प्रधानमंत्री ने जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं।

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