फ्रांसिसी अखबार को पीएम मोदी का इंटरव्यू; भारतीय अर्थव्यवस्था, रूस-यूक्रेन युद्ध, योग से जुड़े सवालों के दिए जवाब
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो चुके हैं। पीएम (PM Modi) फ्रांस की वेस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। फ्रांस की यात्रा से पहले पीएम मोदी ने दिल्ली में फ्रांसिसी अखबार Les Echos को एक खास इंटरव्यू दिया। इसमें ग्लोबल साउथ और रूस-यूक्रेन युद्ध समेत भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बात की।
Les Echos के साथ इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ और पश्चिमी देशों के बीच एक पुल के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है। नतीजा ये है कि इन देशों में पीड़ा की भावना है। ब्रेटन वुड्स अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में व्यापक फेरबदल के समर्थक पीएम मोदी ने दावा किया है कि भारत को अपना सही स्थान फिर से हासिल करने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के लिए कही ये बात
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र के लिए सिर्फ विश्वसनीयता का मुद्दा नहीं है। पीएम मोदी ने पूछा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनिया के लिए बोलने का दावा कैसे कर सकती है, जब इसका सबसे अधिक आबादी वाला देश और इसका सबसे बड़ा लोकतंत्र (भारत) इसका स्थायी सदस्य नहीं है?
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को हमारी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने के उद्देश्य से प्रमुख आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
त्वरित प्रदति के लिए करना होगा काम
पीएम मोदी ने 'पश्चिमी मूल्यों' की सार्वभौमिक अपील पर सावधानी व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया के हर कोने के दर्शन पर विचार किया जाना चाहिए। दुनिया तभी त्वरित प्रगति करती है, जब वह पुरातनपंथी और पुरानी धारणाओं को छोड़ना सीखती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक पृथ्वी है, लेकिन एक दर्शन नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू के दौरान भारतीय सिनेमा, संगीत और योग की वैश्विक पहुंच का भी जिक्र किया। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा के लिए नई रुचि और एक चिकित्सक के रूप में योग की सार्वभौमिक सफलता की ओर इशारा करते हुए, भारतीय 'सॉफ्ट पावर' का भी जिक्र किया।
भारत हजारों वर्ष पुरानी एक समृद्ध सभ्यता है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक समृद्ध सभ्यता है, जो हजारों वर्ष पुरानी है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। भारत की सबसे मजबूत संपत्ति हमारे युवा हैं। ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश बूढ़े हो रहे हैं और उनकी आबादी कम हो रही है। भारत के युवा और कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति की तरह होंगे।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, अद्वितीय सामाजिक और आर्थिक विविधता के साथ हमारी सफलता यह प्रदर्शित करेगी कि लोकतंत्र परिणाम देता है। विविधता के बीच भी सामंजस्य का अस्तित्व संभव है। साथ ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को उचित स्थान दिलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संस्थाओं में समायोजन की स्वाभाविक अपेक्षा है।
भारत अपना पुराना स्थान हासिल करेगा
फ्रेंच अखबार के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं इसे अपना उचित स्थान दोबारा प्राप्त करना ही कहूंगा। प्राचीन काल से भारत वैश्विक आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नति और मानव विकास में योगदान देने में सबसे आगे रहा है। आज विश्वभर में हमें अनेक समस्याएं एवं चुनौतियां देखने को मिलती हैं, जैसे मंदी, खाद्य सुरक्षा, मुद्रास्फीति, सामाजिक तनाव। ऐसी वैश्विक पृष्ठभूमि में, मैं हमारे लोगों में एक नया आत्मविश्वास, भविष्य को लेकर आशावाद और दुनिया में अपना उचित स्थान लेने की उत्सुकता देख रहा हूं।
इंटरव्यू के दौरान फ्रैंच पत्रकारों ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भी पीएम मोदी से सवाल किए। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का रुख पारदर्शी, स्पष्ट और सुसगंत है। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई बार बात की है। जापान में जेलेंस्की से मुलाकात भी की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से कहा कि ये युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से संबंधों को सुधारना चाहिए।
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