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पत्नी के साथ मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाना अपराध के दायरे में है या नहीं, इस पर आएगा ‘सुप्रीम’ फैसला

Physical Relations Without Wife Permission Crime Or Not: शादीशुदा जीवन, सामाजिक चक्र चलाने और वंश को आगे बढ़ाने का एक ही जरिया है पति-पत्नी का शारीरिक संबंध बनाना, लेकिन आजकल देश में कुछ परिस्थितियों में सेक्स करना अपराध हो गया है। इन्हीं परिस्थितियों में एक है पति-पत्नी का एक दूसरे की मर्जी के बिना संबंध […]

Husband Wife Relation

Physical Relations Without Wife Permission Crime Or Not: शादीशुदा जीवन, सामाजिक चक्र चलाने और वंश को आगे बढ़ाने का एक ही जरिया है पति-पत्नी का शारीरिक संबंध बनाना, लेकिन आजकल देश में कुछ परिस्थितियों में सेक्स करना अपराध हो गया है। इन्हीं परिस्थितियों में एक है पति-पत्नी का एक दूसरे की मर्जी के बिना संबंध बनाना, जिस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन है। अक्टूबर में इस पर बड़ा और ऐतिहासिक फैसला आने की संभावना है।

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3 जजों की बेंच लेगी ऐतिहासिक फैसला

पत्नी की मर्जी के बिना उससे सेक्स करना अपराध है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच फैसला लेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शादीशुदा दंपतियों के बीच शारीरिक संबंधों से जुड़े मुद्दों पर दायर याचिकाएं लंबित हैं। इन याचिकाओं पर अक्टूबर के मध्य में सुनवाई की जाएगी। इन्हीं में से एक है, पति का पत्नी की मर्जी के बिना सेक्स करना दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा या नहीं।

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वकीलों को दलीलें तैयार रखने के निर्देश

याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच में मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति JB पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं। बेंच वकील करुणा नंदी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य वकीलों से बात करके केस में पेश की जाने वाली दलीलें तैयार करने का निर्देश दिया है। IPC की धारा 375 (दुष्कर्म) के तहत यदि पत्नी की मर्जी के बिना संबंध बनाए जाते हैं तो पति के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा चलाया जा सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी 2023 को वैवाहिक दुष्कर्म से जुड़े मामलों में सुनवाई करते हुए इसे क्राइम की कैटेगरी में शामिल करने और IPC की धाराओं के तहत सजा का प्रावधान करने को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा हुआ है। इसी मामले से जुड़ी एक याचिका कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर हुई थी। हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2022 को इस मामले में खास टिप्पणी भी की थी।

(Adipex)


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