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‘राहुल गांधी के कहने से संसद नहीं चलेगी’, नेता प्रतिपक्ष के बीच में बोलने पर अमित शाह का पलटवार

एसआईआर के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामेदार चर्चा चल रही है. राहुल गांधी ने अमित शाह को एसआईआर पर फ्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का चैलेंज दिया. इसके बाद अमित शाह भड़क गए और उन्होंने कहा कि मेरी स्पीच का क्रम कोई और तय नहीं करेगा, मैं बोलूंगा अपने हिसाब से. शाह ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए, जिसके बाद संसद में जोरदार हंगामा चल रहा है.

एसआईआर के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामेदार चर्चा चल रही है. राहुल गांधी ने अमित शाह को एसआईआर पर फ्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का चैलेंज दिया. इसके बाद अमित शाह भड़क गए और उन्होंने कहा कि मेरी स्पीच का क्रम कोई और तय नहीं करेगा, मैं बोलूंगा अपने हिसाब से. शाह ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए, जिसके बाद संसद में जोरदार हंगामा चल रहा है.

लोकसभा में SIR पर बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "…क्या किसी देश में डेमोक्रेसी सुरक्षित रह सकती है अगर घुसपैठिए देश का PM और राज्य का CM तय करें? नहीं…SIR वोटर लिस्ट को सैनिटाइज करने के अलावा कुछ नहीं है. मेरा मानना ​​है कि इससे कुछ पार्टियों के पॉलिटिकल मकसद को नुकसान पहुंचता है. मुझे उन पार्टियों से हमदर्दी है, देश के वोटर उन्हें वोट नहीं देते, कुछ घुसपैठिए उन्हें वोट देते थे और अब वे भी चले जाएंगे…"

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राहुल गांधी के आरोपों का EC ने दिया जवाब- शाह

लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '5 नवंबर 2025 को, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में "हाइड्रोजन बम" को डिफ्यूज किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा में सिर्फ एक घर से 501 वोट डाले गए. EC ने सब कुछ साफ कर दिया… न तो घर और न ही वोटर नकली हैं.'

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दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे लोकतंत्र में- अमित शाह

लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में, LoP ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट ठीक नहीं है और इसे ठीक करने की जरूरत है. तो, SIR, यह वोटर लिस्ट को साफ करने का प्रोसेस है. जब हम प्रोसेस कर रहे हैं, तब भी वह विरोध कर रहे हैं…आपकी हार पक्की है; वोटर लिस्ट का इससे कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि BJP को कभी भी एंटी-इनकंबेंसी का सामना नहीं करना पड़ता है. एंटी-इनकंबेंसी सिर्फ उनके खिलाफ होती है जो जनता के हित के खिलाफ काम करते हैं. यह सच है कि BJP को बहुत कम ही एंटी-इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा…लेकिन ऐसा नहीं है कि हम 2014 के बाद कभी कोई चुनाव नहीं हारे…डेमोक्रेसी में दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे. जब आप जीतते हैं, तो EC बढ़िया होता है. जब आप हारते हैं, तो EC बेकार हो जाता है और BJP के कहने पर काम करता है.'


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