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संसद के नए भवन में कार्यवाही शुरू, PM Modi बोले- कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है हमें

Parliament Special Session New Building : संसद के विशेष सत्र का दूसरा दिन है। देश के नए संसद भवन में आज से कामकाज शिफ्ट और कामकाज शुरू हो गया है। नए संसद भवन में सबसे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुआ। नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि […]

Parliament Special Session New Building : संसद के विशेष सत्र का दूसरा दिन है। देश के नए संसद भवन में आज से कामकाज शिफ्ट और कामकाज शुरू हो गया है। नए संसद भवन में सबसे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुआ। नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को चंद्रयान-3 की सफलता पर गर्व है।  हम नए संसद भवन में नए संकल्प से आए हैं। उन्होंने आग कहा कि हमें सभी कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। ये भवन नया, नई व्यवस्थाएं सबकुछ नया है, लेकिन कल और आज को जोड़ते हुए हमें आगे बढ़ना है। हमारी विरासत बहुत बड़ी है जो पुरानी है, नई नहीं है। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से महिला आरक्षण बिल के समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अटल जी के कार्यकाल में कई बार सदन में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। लेकिन सदन में उसके लिए आंकड़ा नहीं जुट पाया और उनका वह सपना आधूरा रह गया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि महिला को अधिकार देने का उनकी शक्ति देने के काम के लिए भगवान ने मुझे चुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' का नाम दिया है। नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने संसद भवन से नए संसद भवन तक पैदल गए। संविधान की कॉपी लिए हाथ में लिए पीएम मोदी के साथ-साथ दोनों सदनों के 795 सांसद भी मौजूद रहे। इस बीच नए संसद में पहले दिन आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया। महिला आरक्षण बिल के तहत विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इसके अलावा लोकसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यानी 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा.
 
 
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है, जब महिला आरक्षण बिल सदन के पटल पर रखा जाएगा। 1996 से 27 साल में कई बार महिला आरक्षण बिल का मुद्दा संसद में उठ चुका है, लेकिन दोनों सदनों से यह अबतक पास नहीं हो पाया है। साल 2010 में हंगामे के बीच यह राज्यसभा में पास भी हो गया था, लेकिन लोकसभा से यह अहम बिल पास नहीं हो पाया था। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें


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