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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में नया खुलासा, Whatsapp Group के जरिए रची गई थी साजिश

Parliament Security Breach: संसद में सुरक्षा चूक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपियों ने Whatsapp Group के जरिए वारदात को अंजाम दिया था।

Parliament Security Breach
Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर घटना को अंजाम दिया था। इसी ग्रुप में उन्होंने संसद भवन में घुसने की साजिश रची थी। नंबरों की जांच में जुटी पुलिस न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि आरोपियों ने व्हाट्सएप के जरिए सिग्नल एप को भी कनेक्ट किया था। फिलहाल, दिल्ली पुलिस की एक विशेष सेल इस ग्रुप में शामिल नंबरों के संपर्क में है। सेल इस बात की भी जांच कर रही है कि इसमें बाहरी तत्व भी शामिल थे या नहीं। दिल्ली पुलिस आरोपियों के द्वारा नष्ट किए गए सिम कार्डों को फिर से जारी करने की कोशिश कर रही है, ताकि वे आरोपियों द्वारा पूर्व में इस्तेमाल किए गए गए ईमेल तक पहुंच सकें। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने क्लाउड पर स्टोर डाटा को डिलीट कर दिया है। पुलिस ईमेल को फिर से हासिल करने के लिए भारतीय कम्प्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) की मदद लेगी। यह भी पढ़ें: यह कैसा विरोध! TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने की सभापति की मिमिक्री, धनखड़ बोले- भगवान सद्बुद्धि दे क्या है मामला दरअसल, संसद पर 2001 में हुए हमले की बरसी पर सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्षा में कूद गए थे। उन्होंने गैस छोड़ी और सत्ता विरोधी नारे भी लगाए। वहीं, संसद के बाहर दो प्रदर्शनकारियों नीलम और अमोल ने विरोध प्रदर्शन किया। इन चारों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया था। पुलिस ने घटना के बाद पिछले सप्ताह के अंत में ललित झा और महेश कुमावत नाम के दो और लोगों को भी गिरफ्तार किया था। यह भी पढ़ें: लोकसभा से आज सस्पेंड हुए 49 विपक्षी सांसद, जानिए किस-किस पर गिरी निलंबन की गाज छह जगहों पर जाएंगी दिल्ली पुलिस की टीमें सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की छह टीमें मामले में और जानकारी के लिए लखनऊ, मैसूर, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में आरोपियों से जुड़े स्थानों पर जाएंगी। जांच में यह भी पता चला है कि दो जोड़ी जूते लखनऊ में विशेष ऑर्डर पर बनाए गए थे, क्योंकि आरोपियों को पता था कि संसद में जूतों की जांच नहीं की जाती है और यह संसद के अंदर कलर स्मोक क्रैकर ले जाने का एक आसान तरीका हो सकता है।


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