Delhi Service Bill: दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पेश किया है। जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 के नाम से जाना जाता है। सोमवार की शाम राज्यसभा में इस विधेयक को लेकर जोरदार बहस हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को चैंलेंज किया कि इस बिल को गिराकर दिखाओ। उन्होंने यह भी कहा कि 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे।
अमित शाह ने कहा कि यह बिल हम पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने के लिए नहीं लाए हैं। हम इमरजेंसी लगाने के लिए नहीं लाए हैं। इससे कांग्रेसी सांसद नाराज हो उठे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विरोध जताया तो गृह मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि बैठ जाइए। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का हक नहीं है। कांग्रेस को गाली देकर आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ है। आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद वो आपसे मुंह मोड़ लेंगे।
देखिए खड़गे और शाह के बीच बहस का VIDEO
कुछ भी कर लो, पीएम तो नरेंद्र मोदी बनेंगे
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को मालूम है कि उनके अकेले से कुछ होने वाला नहीं है। इसलिए उन्होंने गठबंधन बना लिया। यह गठबंधन सैद्धांतिक रुप से एक नहीं है। केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ हैं। लेकिन गठबंधन में ईलू-ईलू कर रहे हैं। मैं बता दूं कि 4-5 दल और जोड़ लेंगे। फिर भी 24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।
अतीत में कभी केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच नहीं झगड़ा
अमित शाह ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन बनाना है। बिल से पहले जो व्यवस्था थी, उसमें एक इंच मात्र का भी परिवर्तन नहीं हो रहा है। कई बार केंद्र में कांग्रेस तो दिल्ली में भाजपा की सरकार रही है। कई बार केंद्र में भाजपा तो दिल्ली में प्रदेश सरकार थी। उस समय कभी झगड़ा नहीं हुआ। ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई।
चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहुंचे थे। वे व्हील चेयर पर आए थे।
किसी राज्य की शक्ति नहीं छिनने वाली
कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र दिल्ली की शक्ति अपने हाथ में लेना चाहती है। मैं बता दूं कि हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है। यह बिल हम शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए यह बिल लेकर लाए हैं।
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