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कमांडो, स्नाइपर्स, बम-डॉग स्क्ववायड… कौन करता है संसद की सुरक्षा? रचा है ऐसा चक्रव्यूह, परिंदा तक नहीं पहुंचता

Parliament Security CISF: नई दिल्ली में संसद पर साल 2001 में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 9 जवान शहीद हुए थे और पांचों आतंकी ढेर कर दिए गए थे. भारतीय लोकतंत्र और संप्रभुता पर हुए इस आतंकी हमले के बाद संसद की सुरक्षा का जिम्मा CISF को सौंप दिया गया था. आइए जानते हैं कि दिल्ली की सुरक्षा कैसे की जाती है और कितनी टाइट होती है?

साल 2023 में सुरक्षा में चूक के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था बदल गई थी.

Parliament Security Explainer: नई दिल्ली में संसद पर आतंकी हमले की आज 24वीं बरसी है. आज से 24 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकी संसद में घुस गए थे और भवन को हाईजैक कर लिया था. दिल्ली पुलिस, CRPF और सेना ने संसद भवन को आतंकियों से मुक्त कराया था.

दोनों ओर से हुई कार्रवाई में जहां पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया गया था. वहीं दिल्ली पुलिस और CRPF के 9 जवान भी शहीद हुए थे. इस हमले के बाद संसद की सुरक्षा काफी टाइट की गई थी, लेकिन साल 2023 में संसद की सुरक्षा में फिर चूक हुई, जिसके बाद सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंप दिया गया था.

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CISF ऐसे करती है संसद की सुरक्षा

बता दें कि संसद में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती मई 2024 में की गई थी और तब से संसद की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी CISF की है. वहीं CISF ने संसद की सुरक्षा के लिए ऐसा चक्रव्यूह रचा हुआ है कि परिंदा तक पर नहीं मार सकता. हार्ड ट्रेनिंग लेने के बाद CISF के जवानों को संसद में तैनात किया जाता है और संसद के सभी 12 द्वारों के अलावा कोने-कोने में करीब 3000 जवान तैनात रहते हैं.

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बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड, क्विक रिएक्शन टीम, हथियारों सेल लेस स्नाइपर्स, बॉम्ब डिटेक्शन स्क्वायड भी CISF जवानों के साथ तैनात की गई हैं. CISF के जवानों के अलावा संसद के अंदर एंट्री ड्रोन सिस्टम लगाया गया है. एक्सरे और हैंड हेल्ड डिटेक्टर से हर आने-जाने वाले की चेकिंग होती है. साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल रूम बनाया गया है. NSG की टीम के साथ आर्मी कैंप भी संसद के अंदर बना है.

संसद की अपनी पर्सनल सिक्योरिटी

बता दें कि CISF के अलावा संसद की अपनी पर्सनल सिक्योरिटी भी है, जो संसद में आने वाले सांसदों की इंडेंटिटी चेक करती हैं. जहां से सांसद और मंत्री एंट्री करते हैं, वहां चेकिंग करती है. संसद में सबसे ज्यादा सिक्योरिटी संसद भवन के मेन एंट्री गेट गरुड़ द्वार पर होती है, क्योंकि वहां से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति एंट्री करते हैं. इस गेट पर स्पेशल हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे लगे हैं. बायोमीट्रिक स्कैनर और RFID कार्ड सिस्टम लगाया गया है. 24 घंटे इस गेट पर बम स्क्वायड और स्निफर डॉग्स तैनात रहते हैं.


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