Para- Acher Sheetal Devi Received The Arjun Award: जम्मू कश्मीर के गांव की रहने वाली शीतल देवी ने बिना हाथों के देश के लिए पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर विदेशी धरती पर तिरंगा लहराया। पैरों से तीर-धनुष चलाने वाली शीतल देवी ने पिछले साल पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में जब शीतल देवी का नाम लिया गया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था।
जन्म से नहीं हैं दोनों हाथ
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ क्षेत्र की रहने वाली वाली 16 साल की शीतल को सेना की ओर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तीरंदाजी अकादमी में लाया गया था। शीतल देवी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। हाथ नहीं होने के बावजूद शीतल पैर, कंधे और मुंह के सहारे धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर निशाना लगाती हैं। वर्ल्ड आर्चरी के अनुसार, बिना हाथों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी करने वाली शीतल दुनिया की पहली महिला तीरंदाज हैं।
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शीतल पानी की बोतल को अपने पैर की अंगुलियों से उठाकर उसे उछाल रही हैं, बोतल को उछालने के बाद वह बोतल वापस जमीन पर पहले की तरह खड़ी हो जाती है। लोग तो हाथों से भी बोतल नहीं रख पाते हैं। आपको बता दें कि उन्होंने हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण पदक जीते हैं।