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जासूसी में पकड़े गए CRPF जवान पर बड़ा खुलासा, आतंकी हमले से 6 दिन पहले तक पहलगाम में था तैनात

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हुए CRPF जवान मोती राम जाट को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। खबर है कि आतंकी हमले के 6 दिन पहले ही मोती राम जाट की पहलगाम में पोस्टिंग खत्म हुई थी।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश की सभी खुफिया एजेंसियों द्वारा उन लोगों पर नकेल कसी जा रही है, जो भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे हैं। बीते दिन ही NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में CRPF (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) जवान मोती राम जाट को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में एक अपडेट सामने आया है। आतंकी हमले के 6 दिन पहले ही मोती राम जाट की पहलगाम में पोस्टिंग खत्म हुई थी।

6 दिन पहले हुआ पोस्ट से ट्रांसफर

इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए CRPF जवान मोती राम जाट को आतंकी हमले के 6 दिन पहले ही पहलगाम पोस्ट से ट्रांसफर किया गया था। आरोपी ASI मोती राम जाट ट्रांसफर से पहले पहलगाम में CRPF की 116वीं बटालियन में तैनात था। दिल्ली से मोती राम जाट को गिरफ्तार करने वाली NIA ने बताया कि CRPF जवान मोती साल 2023 से पाकिस्तान की PIO को पैसे के बदले में देश की खुफिया जानकारी दे रहा था। अधिकारियों के अनुसार, मोती राम जाट ने PIO के साथ भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी, आंदोलन पैटर्न और कई खास जानकारियां शेयर की थीं। गिरफ्तारी के बाद CRPF ने मोती राम जाट को सेना से बर्खास्त कर दिया है। फिलहाल, NIA के अधिकारी आरोपी मोती राम जाट से पूछताछ कर रहे हैं। इसके साथ ही उनके पहलगाम में हुए आतंकी हमले से संभावित संबंधों की भी जांच कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: Bihar Crime: सहरसा में कुख्यात अपराधी जग्गा यादव को मारी गोली, बाइक पर आए थे हमलावर

CRPF ने जारी किया बयान

CRPF की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, मोती राम जाट पर उस वक्त शक हुआ, जब केंद्रीय एजेंसियों ने उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों को देखा। उनके कई सोशल मीडिया पोस्ट ऐसे थे, जो स्थापित मानदंडों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे थे। इसलिए CRPF नियमों के साथ-साथ भारत के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मोती राम जाट को 21 मई 2025 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से मोती को 6 जून तक के लिए NIA की हिरासत में भेज दिया गया।


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